किंदरई/सिवनी. बारिश के मौसम में मच्छरों के प्रजनन की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। इसके बाद भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन कार्यरत मलेरिया विभाग इस बात से बेपरवाह ही दिख रहा है। ज्ञातव्य है कि मच्छर, डेंगू और चिकन गुनिया जैसी बीमारियां मच्छर के काटने से होती हैं। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए बेहतर है कि मच्छरों की उत्पत्ति रोका जाए। वहीं क्षेत्र में मच्छरों से बचने के लिए मेडिकेटेड मच्छरदानियों का वितरण में भी लापरवाही बरते जाने का आरोप ग्रामवासियों ने लगाए हैं।
वहीं ग्रामवासियों में जगदीश, गोंविन्द परते, मनसुख, मौनीदादा आदि आरोप लगाते हुए बताया कि मच्छरदानी का वितरण हो या फिर मच्छरों से बचने के लिए रसायनों का छिड़काव का मामला हो सभी कागजों पर किया गया है। कहीं-कहीं कार्य किए भी गए हैं तो महज खानापूर्ति कर निपटा दिया गया है।
विकासखंड घंसौर के ऐसी कई ग्राम पंचायत हैं जो कि बरसों से नालियां बरसात शुरू होने के पहले कभी भी साफ नहीं कराई जाती हैं। नालियों में मिट्टी, पत्थर, रेत, कीचड़ भरे होने के कारण बारिश का पानी भरा रहता है। ग्रामवासियों ने नियमित रूप से साफ-सफाई की मांग की है।
इनका कहना है
मच्छरदानी सभी गांवों के लिए नहीं है। लगभग 15 सेंटर के सभी गांवों को मिली है। जो इस दायरे में आते हैं उन्हें ही मच्छरदानी दी जाती है। एक एपीआई से ऊपर के गांव में ही छिड़काव होता है। छिड़काव का राउण्ड हो चुका है, दूसरा शीघ्र होगा।
स्मृता नामदेव, जिला मलेरिया अधिकारी, सिवनी