scriptशहीद की बरसी में शामिल हुईं मातृशक्ति, दिखा देशभक्ति का जज्बा | Mother power joined the martyr's death anniversary, showing patriotism | Patrika News

शहीद की बरसी में शामिल हुईं मातृशक्ति, दिखा देशभक्ति का जज्बा

locationसिवनीPublished: Sep 27, 2019 12:02:19 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

शहीद संदीप तुम अमर हो, कभी नहीं भूलेगा हिंदुस्तान तुम्हें

शहीद की बरसी में शामिल हुईं मातृशक्ति, दिखा देशभक्ति का जज्बा

शहीद की बरसी में शामिल हुईं मातृशक्ति, दिखा देशभक्ति का जज्बा

सिवनी. सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो शौर्य चक्र विजेता शहीद संदीप सिंह की बरसी पर उनके गृहग्राम कोटला खुर्द पंजाब पहुंचकर मातृशक्ति संगठन ने शहीद परिवार का हौसला बढ़ाया। दिनांक 22 सितंबर को वीर शहीद लांसनायक संदीप की बरसी के कार्यक्रम में संगठन को बड़े स्नेह और आदर के साथ शहीद के परिजनों ने आमंत्रित किया था। संगठन को लेने शहीद संदीप का परिवार और ग्रामवासी बस एवं दो पहिया वाहन लेकर रेल्वे स्टेशन पहुंचे थे। जहां शहीद संदीप के पोस्टर से सजी हुई गाडिय़ां संगठन को लेने आई थी। संदीप के भाईयों ने भावुक होते हुए कहा चलिए संदीप आपको लेने आया है। यह सुनते ही संगठन के हर सदस्य की आँखें नम हो गई। आत्मीय भाव से शहीद के साथी 20 डोगरा रेजीमेंट के जवान एवं अधिकारी भी अपने बलिदानी साथी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे एवं गमगीन माहौल को जोश से भर दिया।
कोटला खुर्द में पंजाब शहीद विकास परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह एवं कर्नल पीएस भंदराल, 20 डोगरा रेजिमेंट बलकार सिंह एवं समस्त सेना के अधिकारी भी उपस्थिति हुए। साथ ही डोगरा यूनिट के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर मातमी धुन के साथ शहीद को सलामी दी।
कर्नल भंदराल ने अपने उद्बोधन में संगठन को अनेकों बार सलाम करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश से आई मातृशक्तियों के सामने में नि:शब्द हूं। डोगरा रेजिमेंट के जवानों और अधिकारियों द्वारा सरहद की पावन मिट्टी का कलश ससम्मान संगठन को उपहार स्वरूप भेंट किया गया। संगठन की सशक्त यूथ विंग द्वारा उपस्थित जन समूह को सरहद की माटी का तिलक वंदन किया गया। मातृशक्तियों द्वारा सेना के अधिकारियों एवं जवानों की मंगल कामना करते हुए रक्षा सूत्र बांधा गया। बरसी का वातावरण देशभक्ति से भरा हुआ था। फौजी भाई अपनी कलाई में रक्षा सूत्र बंधा देख भावविभोर हो गए और उनकी आँखें नम हो गईं। संगठन की उपस्थिति से शहीद के माता-पिता, पत्नी, भाई एवं सात साल के प्यारे बेटे अवि सहित ग्राम वासियों ने खुशी जाहिर की।
संगठन ने शहीद के सात साल के बेटे अवि को बंदूक का खिलौना दिया और गर्व से बंदूक तानते हुए अवि ने देशभक्ति के भावों से भरा गीत गुनगुनाया वतन वालों वतन न बेच देना, शहीदों ने जान दी है वतन के वास्ते। शहीदों के कफन न बेच देना।
मातृशक्तियों ने कहा कि नन्हे बच्चे का यह संदेश देशवासियों से बहुत कुछ कहता है। संगठन को सेना के अधिकारियों द्वारा अटारी बॉर्डर में बिटिंग रिट्रिट सेरेमनी के गौरवशाली दृश्य को देखने के लिए विशिष्ट सुविधा का उपहार दिया गया। एक सी वेशभूषा में सज्जित शौर्य के भावों से भरी मातृशक्तियां अटारी बॉर्डर में आकर्षण का केन्द्र बनीं हुई थीं। संगठन के हाथों में शान से लहराते राष्ट्र ध्वज को देख कर मातृशक्तियों को परेड ग्राउण्ड में बुलाया गया जहाँ संगठन हाथों में पावन राष्ट्र ध्वज लेकर पहुंचा। जैसे ही देशभक्ति के गाने गूँजे संगठन और अपार जनसमूह भी थिरक उठा। सारा वातावरण ओजपूर्ण था।
इस गौरवमयी कार्यक्रम में शहीद संदीप का परिवार भी संगठन के साथ उपस्थित रहा। विदाई के समय लांस नायक शहीद संदीप की माताजी ने यूथ विंग समर्पण के युवाओं को गले लगाते हुए रूँधे हुए आवाज में कहा मैंने एक बेटा खोया लेकिन बहुत से बेटे पा लिए। तो वहीं शहीद संदीप के बेटे अवि ने समर्पण यूथ विंग के युवाओं से कहा चाचू आप लोग अगली बार जब आएं तो मेरे पप्पा को भी साथ लेकर आना, यही अरदास मैं वाहे गुरूजी से भी करता हूं। नन्हे बच्चे की दिल छू लेने वाली बात सुनकर सभी भावुक हो गए। नम आंखों से शहीद के परिजनों और ग्रामवासियों द्वारा संगठन को विदाई दी गई।
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