scriptप्रेरक और आशा का नहीं हुआ भुगतान | Motivational and non-payment of hope | Patrika News

प्रेरक और आशा का नहीं हुआ भुगतान

locationसिवनीPublished: Jul 18, 2017 11:50:00 am

Submitted by:

mahendra baghel

नसबंदी कराने के बाद भी महिलाओं को नहीं मिली प्रोत्साहन राशि

Demonetisation

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सिवनी. परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जनसंख्या नियंत्रण एवं मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने प्रयास हो रहे हैं। नसबंदी को लेकर और अधिक जागरुकता लाने प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी कर दी गई है। बावजूद इसके महीनों बीत जाने के बाद भी हितग्राही वा आशा सहयोगी एवं प्रेरकों को भुगतान नहीं मिल रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपारा अंतर्गत उपस्वास्थ्य केंद्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नसबंदी के हितग्राही, प्रेरकों, आशा सहयोगी और आशा कार्यकर्ताओं को बीते कई महीनों से भुगतान नहीं होने का आरोप है। भुगतान पाने के लिए छपारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर काटते अक्सर देखे जाते हैं।
प्रेरक व आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि राष्ट्रीय कार्यक्रम को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में हम सेतु का काम करते हैं। जब मेहनत करने के बाद भी मजदूरी और प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाएगी तो दूसरों को नसबंदी के लिए कैसे प्रेरित करेंगे और जनसंख्या वृद्धि कार्यक्रम में कैसे विभाग सफल हो पाएगा।
नसबंदी कराने के बाद भी नहीं मिल पाई राशि-
सरकार के द्वारा जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए नसबंदी कराने वाले महिला और पुरुषों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले कई महिलाओं नसबंदी तो करा ली है परंतु अब तक उनको प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाई है।
इनका कहना है–
बजट अभाव के कारण मुख्यालय से ही राशि नहीं आई है। जैसे ही राशि आएगी। हितग्राहियों व आशा सहयोगी और प्रेरकों को तत्काल उनके खाते में राशि पहुंचा दी जाएगी।
योगेन्द्र सेन, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छपारा
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