scriptBREAKING NEWS – प्रकृति ने मचाया कोहराम, सिवनी जिले में खूब बरसे ओला | Nature created havoc in Kohram, Seoni district | Patrika News

BREAKING NEWS – प्रकृति ने मचाया कोहराम, सिवनी जिले में खूब बरसे ओला

locationसिवनीPublished: Feb 16, 2021 06:15:44 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

बेमौसम आंधी-बारिश के साथ ओला बरसने से हजारों एकड़ फसल पर असर

BREAKING NEWS - प्रकृति ने मचाया कोहराम, सिवनी जिले में खूब बरसे ओला

BREAKING NEWS – प्रकृति ने मचाया कोहराम, सिवनी जिले में खूब बरसे ओला

सिवनी. सिवनी जिले में मंगलवार का दिन किसानों के लिए अमंगलकारी साबित हुआ। बेमौसम आंधी-बारिश के साथ हुई जोरदार ओलावृष्टि ने हजारों एकड़ फसल को नुकसान पहुंचाया है। जिले के केवलारी, पलारी, छपारा, लखनादौन सहित और इलाकों में फसलें ओले की मार से बिछ गई।
मंगलवार को दोपहर करीब 3:30 बजे आंधी-तूफान के साथ केवलारी ब्लॉक के पलारी क्षेत्र में नवीन पलारी, सांठई, पिपरिया, बिचुआ, लोपा, बरसला, डोकररांजी, डूंगरिया, खापा बाजार एवं आसपास के दर्जन कई क्षेत्रों में आंधी तूफान के साथ अतिवृष्टि हुई। लगभग 20 मिनट तक लगातार ओले गिरे, ओले भी बेर के आकार के थे। किसानों की फसल को भारी नुकसान देखने को मिला।
प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाते हुए तेज आंधी तूफान और हवा के साथ भारी ओलावृष्टि हुई, जिससे संजय सरोवर परियोजना के अंतर्गत साथ ही मिनी पंजाब के ओहदे से नवाजे जाने वाले भीमगढ़ एवं पलारी क्षेत्र में 70 से 80 गांव में लगभग 60 से 70 प्रतिशत नुकसान होने की बात किसान कह रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य पूर्व जिला महामंत्री भारतीय जनता पार्टी कृषक नेता प्रमोद राय ने बताया कि फसलें चौपट हो गई हैं घरों के कबेलू फूट गए हैं। बाहर रखे हुए त्रिपाल और टीन उड़ गए हैं।
कहा कि लगातार किसान प्रकृति की मार और सरकारों की मार झेलते आ रहा है ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एवं जिला प्रशासन तथा राजस्व के अमले से कहा है कि तत्काल प्रभाव से किसानों की दुखती रग में हाथ रखते हुए जिन क्षेत्रों में भीषण ओलावृष्टि हुई है उन क्षेत्रों की वीडियोग्राफी कराई जावे मौके का मुआयना कराया जावे और राजस्व के अमले को बगैर किसी भेदभाव के और बगैर किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित हुए हक और ईमानदारी के साथ किसानों के दर्द में सहभागी बनते हुए राहत राशि का वितरण 7 दिनों की समय सीमा के अंदर किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
इसके साथ ही बताया कि वर्ष 2018 में हुई फसल की तबाही का मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं मिला है, पूर्व में खरीफ फसल भी अतिवृष्टि से तबाह हो चुकी है ऐसी स्थिति में कृषकों को दाम भी लागत मूल्य से बहुत कम मिले हैं। मक्का की फसल को लेकर किसान कर्ज के बोझ में दबा हुआ है, ऐसी स्थिति को भांपते हुए सरकार को चाहिए कि संबंधित जिला प्रशासन और जिला के आला अधिकारियों को तुरंत ही कार्यवाही हेतु आदेशित करें वरना लगातार प्रकृति की मार झेल रहा किसान अब टूट जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो