सभी सांप नहीं होते खतरनाक….
सर्प को पहचानने, संरक्षण करने किया जा रहा प्रेरित
सिवनी. उडऩदस्ता दल को बुधवार को सूचना प्राप्त हुई कि डूंडासिवनी निवासी विनोद सेन के मकान में सर्प घुस आया है, जो कि फुंफकार रहा है। इससे घर के सभी लोग बेहद डरे हुए हैं और घर से बाहर आ गए हैं।
सूचना पर मुख्य वनसंरक्षक उडऩदस्ता दल में कार्यरत सर्प विशेषज्ञ अर्पित मिश्रा ने मौके पर पहुंच कर सर्प को रेस्क्यू किया साथ ही वहां उपस्थित सभी लोगों को बताया कि यह मिट्टी में रहने वाला सामान्य सेंड बोआ सर्प है और इससे कोई खतरा नहीं होता है। साथ ही मिश्रा द्वारा बताया गया कि जोर से आवाज करने वाला सर्प रसल वाइपर, पर्रामन, कोडिय़ा है जिसकी फुंफकार या आवाज से कोई खतरा नही होता। सर्प सिर्फ खतरा महसूस होने पर कुकर की सिटी की तरह जोर से आवाज़ कर लोगों को खुद से दूर रहने के लिए सचेत करता है। इसी तरह एक और सूचना लूघरवाड़ा के समीप बाइक शोरूम से सूचना मिलने पर धामन का रेस्क्यू किया और वहाँ लोगों को बताया कि धामन की पूँछ में कोई जहर नहीं होता।
अंधविश्वास, भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास –
सर्प विशेषज्ञ मिश्रा ने बताया कि सर्पों से संबंधित तरह-तरह के अंधविश्वास व गलत जानकारियां लोगों में हैं। किस्से और कहानियां में जो सुना है, उसी को सच मानकर लोगों के मन में भ्रम बना रहता है। बताया कि भारत मे पाए जाने वाली 300 प्रजातियों में से सिर्फ 4 तरह के सर्प के काट लेने पर ज्यादातर मृत्यु हुई है। कोबरा ( रसल वाइपर), पर्रामन कोडिय़ा, करैत (दांडेकार)] स्केल्ड वाइपर (फर्सा) इन्हें पहचानना आसान है( इन चारों सांपो को आप आसानी से देख कर पहचान कर सकते हैं। रेस्क्यू के दौरान लगातार लोगों को सही जानकारियां दी जा रही है। साथ ही सोसल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को सर्पों के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यु ट्यूब पर अर्पित मिश्रा फारेस्ट नाम से चेनल भी तैयार किया गया है जिसमे सर्प संबंधित जानकायां साझा की जा रही है। बताया कि सर्पो का पृथ्वी के परिस्थितिक तन्त्र को बनाए रखने में बहुत बड़ा योगदान है। साथ ही इनके जहर से गंभीर बीमारियों की दवाएं भी तैयार की जा रही है। इन्हें जानें, पहचानें व संरक्षण में योगदान देने का आग्रह आमजनों से किया है।
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