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सिवनी

एक ही आदेश पत्र में जारी हुए 19 शिक्षकों को नोटिस

पत्रिका की खबर के बाद निरीक्षण कर दिया नोटिस से मचा हड़कम्प

सिवनीApr 25, 2019 / 09:42 pm

sunil vanderwar

seoni

बिना बस्ता आ रहे विद्यार्थी, खेल-खेल में पा रहे शिक्षा

सिवनी. पत्रिका की खबर और अधिकारियों के सख्त निर्देश के बाद बीआरसीसी और जनशिक्षक क्षेत्र के स्कूलों का सतत निरीक्षण कर रहे हैं। छपारा ब्लॉक में २४ अपै्रल को जनशिक्षक द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद बीआरसीसी गोविंद उइके ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें १९ शिक्षकों की सूची संलग्न कर जवाब-तलब किया है। इस सूची के सामने आने के बाद क्षेत्र में हड़कम्प है।
जारी नोटिस में कहा गया है कि जनशिक्षक राकेश जायसवाल एवं जनशिक्षक अजय यादव द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की शालाओं का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कहीं शालाएं बंद तो कहीं शिक्षकों की गैरहाजिरी पाई गई। इस पर सम्बंधित को कहा गया है कि २७ अपै्रल को स्वयं कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। संतोषजनक स्पष्टीकरण न पाए जाने पर एक पक्षीय कार्यवाही प्रस्तावित किए जाने की चेतावनी दी गई है।
सूची में इन शिक्षकों के हैं नाम –
छपारा बीआरसीसी के हस्ताक्षर से जारी शिक्षकों की सूची में प्राथमिक शाला छपाराकला में संस्था बंद पाए जाने पर सहायक अध्यापक जानकीप्रसाद, माध्यमिक शाला छपारा कला में अनुपस्थिति पर संतोष नेमा, माया हनुमंते, कृष्णा सेन। माध्यमिक शाला सादक सिवनी में अनुपस्थिति पर प्रधानपाठक सुदामा बिसेन, दिगम्बर राहंगडाले, प्राथमिक शाला रणधीरनगर में अनुपस्थिति पर सुधा पटले, प्रमिला ठाकरे, माध्यमिक शाला सुआखेड़ा में अनुपस्थिति पर प्रमिला उइके, अजय वैद्य, माध्यमिक शाला परासिया में अनुपस्थिति पर संजय विश्वकर्मा, प्राथमिक शाला परासिया में अनुपस्थिति पर रतनलाल करवेती, प्राथमिक शाला सिमरिया में अनुपस्थिति पर वर्षा यादव, माध्यमिक शाला गोहना में अनुपस्थिति पर चंद्रकांता राजपूत, प्राथमिक शाला गोहना में उर्मिला भलावी, प्राथमिक शाला पिण्डरई में संस्था बंद पाए जाने पर वी. भलावी, दहलान सिंह राजपूत, प्राथमिक शाला झिलमिली में संस्था बंद पाए जाने पर पुरुषोत्तम नेमा एवं शिवशंकर मरकाम को तीन दिवस में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। हालांकि इस स्पष्टीकरण के आदेश पत्र के बाद क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा हैं।
शिक्षण कार्य में सभी हों गंभीर –
जो शिक्षक निरीक्षण में लापरवाह पाए गए हैं, उनको स्पष्टीकरण का पत्र दिया गया है। वे शाला बंद रखने या गैरहाजिरी का उचित कारण बताएं, तो कार्रवाई नहीं होगी। कार्रवाई से बचने संगठन के दबाव का प्रयास अथवा आरोप लगाने वाले कुछ भी बोल सकते हैं, आरोप प्रमाणित करें, तो कार्रवाई की जाएगी।
गोविंद उइके, बीआरसीसी छपारा
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