दक्षिण वनमंडल के आकड़ों पर गौर करें तो सिवनी परिक्षेत्र के डोरलीछतरपुर की करीब 50 हेक्टेयर की पहाड़ी पर राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत 21500 पौधे लगाए गए हैं। इस पहाड़ी पर लंबे समय से अतिक्रमण हो रहा था। इसको लेकर ग्रामीणों ने तत्कालीन कलेक्टर गोपालचंद डाड से शिकायत किए थे। उनके निर्देश पर सिवनी तहसीलदार के नेतृत्व में पहुंची टीम ने पहाड़ी का अतिक्रमण हटाया था।
उसी समय कलेक्टर ने दक्षिण वनमंडलाधिकारी को संबंधित पहाड़ी पर पौधारोपण किए जाने का निर्देश दिया था। उनके निर्देश पर प्रस्ताव बनाकर तत्कालीन वनमंडलाधिकारी टीएस सूलिया ने शासन को भेजा था। शासन से मिली स्वीकृत के बाद इस वर्ष वहां बांस लगाए गए हैं।
बांस लगाने के पूर्व उक्त पहाड़ी पर पौधा लगाने के लिए ग्राम पंचायत से अनुमति ली गई है। करीब पांच साल तक उसकी देखरेख करने के बाद वन विभाग उसे पंचायत को सुपुर्द कर देगा। इससे वहां तैयार होने वाले बांस से पंचायत को आय होगी। सिवनी परिक्षेत्र अधिकारी केके त्रिपाठी की माने तो करीब १२ लाख रुपए से पौधारोपण सहित अन्य कार्य हो रहे हैं।
इसके अलावा दक्षिण वनमंडल के नांदी और केवलारी में वाह्य औषधीय फलदार पौधारोपण योजना के तहत करीब 30-30 एकड़ में फलदार पौधे लगाए गए हैं। दोनों स्थानों पर 18750-18750 पौधे लगाए गए हैं, जिन पौधों को लगाया गया है उनमें महुआ, बहेड़ा, रीठा, आंवला आदि हैं। इनमें वन विभाग को करीब १६ लाख रुपए खर्च हुए हैं।
विलुप्त फलदार पौधों का हुआ रोपण
डोरलीछतरपुर की नंगी पहाड़ी पर बांस का पौधारोपण किया गया है। नांदी व केवलारी में विलुप्त हो रहे फलदार पौधे लगाए गए हैं। वनमंडल क्षेत्र के दूसरी पहाडिय़ों पर पौधारोपण के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
– पीपी टीटारे, वनमंडलाधिकारी दक्षिण सिवनी
डोरलीछतरपुर की नंगी पहाड़ी पर बांस का पौधारोपण किया गया है। नांदी व केवलारी में विलुप्त हो रहे फलदार पौधे लगाए गए हैं। वनमंडल क्षेत्र के दूसरी पहाडिय़ों पर पौधारोपण के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
– पीपी टीटारे, वनमंडलाधिकारी दक्षिण सिवनी