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दो जुलाई 2017 को दक्षिण व उत्तर वनमंडल में हुए पौधारोपण की होगी जांच

locationसिवनीPublished: Jul 31, 2019 09:41:00 pm

Submitted by:

akhilesh thakur

जबलपुर व कटनी से वनमंडलाधिकारियों की टीम आएगी जांच करने

Planting in South and North on 2 July, 2017.

दो जुलाई 2017 को दक्षिण व उत्तर वनमंडल में हुए पौधारोपण की होगी जांच

सिवनी. जिले के उत्तर व दक्षिण वनमंडलाधिकारियों के टीम की नींद इन दिनों उड़ गई है। करीब पखवाड़ेभर से टीम के लोग अपने-अपने क्षेत्र में दो जुलाई 2017 को हुए पौधारोपण की जांच-परख करने और उसे सुधारने, संवारने में जुट गए हैं। जल्द ही इन पौधारोपणों की जांच करने जबलपुर वनवृत्त के दो अलग-अलग डीएफओ की टीम आने वाली है।
सूबे में दो जुलाई 2017 को नर्मदा कछार सहित आसपास के जिलों में लगाए गए सात करोड़ पौधों के रोपण में गड़बड़ी और जीवितता की बात की जा रही है। इसको लेकर वनमंत्री उमंग सिंघार के निर्देश पर वन मुख्यालय ने मैदानी वृत्त अफसरों को जांच में लगाया है। इन अफसरों को वृत्त बदलकर जांच करनी है। जांच करने के बाद इसकी रिपोर्ट शासन को भेजनी है।
वनमंत्री के जांच के निर्देश दिए जाने के बाद से संबंधित वनमंडल क्षेत्र के अधिकारियों और कर्मचारियों की नींद उड़ गई है। उक्त दिवस को लगाए गए पौधे जहां उपेक्षित थे। उसकी देखरेख के साथ उसको संवारने के लिए दिन में चार से पांच बार टीम जा रही है। आने वाले टीम को कोई गड़बड़ी न दिखे इसको लेकर पूरा प्रबंध किया जा रहा है।
जिले में दक्षिण वनमंडल में लगाए गए करीब ढाई लाख पौधे की जांच करने जबलपुर के वनमंडलाधिकारी रविन्द्रमणि त्रिपाठी की टीम आएगी। उत्तर वनमंडल में हुए करीब ढाई लाख से अधिक पौधों की जांच के लिए कटनी डीएफओ की टीम आएगी।
बरघाट प्रोजेक्ट की जांच पूरी
बरघाट प्रोजेक्ट के अलग-अलग क्षेत्र में उक्त दिवस को हुए रूट-सूट की जांच खंडवा की टीम कर चुकी है। बरघाट प्रोजेक्ट के डीएम डीके वासनिक ने इसकी पुष्टि की है।
उत्तर वनमंडल में नहीं हैं स्थायी डीएफओ, प्रभारी बीमार
दो जुलाई 2017 को हुए पौधारोपण की जांच में पैनी नजर नर्मदा कछार के क्षेत्र पर रखी जा रही है। सिवनी के उत्तर वनमंडल का कुछ हिस्सा नर्मदा कछार से लगा है। खास है कि उत्तर वनमंडल में स्थायी डीएफओ नहीं हैं। उत्पादन वनमंडल की डीएफओ संध्या को उत्तर वनमंडल का प्रभार दिया गया है, लेकिन वह इन दिनों बीमार हैै। मंगलवार को इस संबंध में उनसे बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उत्पादन वनमंडल के बड़े बाबू ने बताया कि डीएफओ की तबियत ठीक नहीं है। ऐसे में उत्तर वनमंडल में पौधारोपण की स्थिति क्या है? इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। उधर दक्षिण वनमंडलाधिकारी टीएस सुलिया की माने तो उनके क्षेत्र में करीब नौ स्थानों पर लगाए गए पौधे की हालत ठीक है। 80 फीसदी से अधिक पौधे जीवित हैं।
डीएफओ सुलिया बालाघाट में करेंगे जांच
दक्षिण वनमंडलाधिकारी टीएस सुलिया बालाघाट में हुए पौधारोपण की जांच करेंगे। वे वहां पर उक्त दिवस को लगाए पौधे में कितने जीवित है और कितने नहीं इसकी रिपोर्ट तैयार कर सीसीएफ के माध्यम से शासन को भेजेंगे। इसकी पुष्टि सीसीएफ शशि मलिक ने की है।
जिला पंचायत ने भी लगवाए थे लाखों पौधे
उक्त दिवस को जिले के अलग-अलग स्थानों पर जिला पंचायत के निर्देश पर लाखों पौधे लगाए गए थे। वे पौधे जीवित है या नहीं। इस संबंध में कोई भी सही जवाब नहीं दे रहा है। खास है कि अभी तक जो जांच के निर्देश है। उसमें जिला पंचायत द्वारा लगाए गए पौधों की जांच से संबंधित कोई आदेश नहीं है।
यह है मामला
दो जुलाई 2017 को सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पौधे लगाने का रिकॉर्ड बनाने अभियान चलाया था। इस दौरान एक साथ सूबे में सात करोड़ से ज्यादा पौधे रोपने का दांवा किया गया था। लेकिन डेढ़ माह बाद ही पौधरोपण में गड़बड़ी की बात की जाने लगी। उसी समय से जांच का सिलसिला चल रहा है। वनमंत्री को प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में किए गए जांच के दौरान कई स्थानों पर पौधे जीवित नहीं मिले हैं। कई स्थानों पर जितना बताया गया। उतने गड्ढे नहीं खोदे गए हैं। इसके बाद से ही सभी संबंधित जिलों में दूसरे वनवृत्त के अधिकारियों की टीम से जांच कराए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह मामला विधानसभा में भी उठ चुका है।

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