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गरीब बालिकाओं की एफडी से पुलिस प्रदान कर रही संबल, जिलेभर में हो रही सराहना

locationसिवनीPublished: Jan 22, 2021 09:13:08 pm

Submitted by:

akhilesh thakur

वर्षभर में तीसरा आयोजन, राष्ट्रीय मानव कल्याण सुरक्षा संस्थान ने निरीक्षक को किया सम्मानित

गरीब बालिकाओं की एफडी से पुलिस प्रदान कर रही संबल, जिलेभर में हो रही सराहना

गरीब बालिकाओं की एफडी से पुलिस प्रदान कर रही संबल, जिलेभर में हो रही सराहना

सिवनी. समाज की गरीब बालिकाओं को एफडी देकर संबल प्रदान करने वाली पुलिस की जिलेभर में सराहना हो रही है। राष्ट्रीय मानव कल्याण सुरक्षा संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष आयुष दंडवते, संदीप चौहान, प्रतीक सदाफल, आकाश सनोडिया ने गुरुवार को कोतवाली निरीक्षक एमडी नागोतिया को उक्त कार्य के लिए बुके भेंटकर सम्मानित किया। संस्थान ने पुलिस की जिले की होनहार ‘आशा को 51 हजार रुपए की एफडी प्रदान करने पर प्रशंसा व्यक्त किया।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मिश्रा ने कहा कि गरीबों को भोजन, कपड़े, अन्न आदि की मदद करने वाले ढेरों संस्थाएं जिले में कार्य कर रही है, लेकिन पुलिस ने गरीब बालिकाओं को एफडी देकर जो संबल प्रदान करने के कार्य की शुरुआत की है। वह सराहनीय है। करीब एक वर्ष के अंतराल में कोतवाली थाना परिसर में यह तीसरा मौका है, जब बालिकाओं को 25-25 हजार रुपए की एफडी दी गई है। इस बार जिन बालिकाओं को एफडी प्रदान किया गया उनमें आरजू दहिया, अर्चना भलावी, नंदनी यादव, शोभा यादव, रूपाली माना ठाकुर, ज्योति माना ठाकुर, कीर्ति खताबिया, शिल्पा माना ठाकुर, रेणुका माना ठाकुर, सोनम इनवाती आदि है। बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देकर समाज में अलग पहचान बना रही आशा को 51 हजार की एफडी प्रदान की गई। खास है कि जिस दिन बालिकाओं को एफडी प्रदान किया गया उस दिन सभी पुलिसकर्मी शाम तक निर्जला व्रत रखे हुए थे। उसमें एसडीओपी पारूल शर्मा सहित कोतवाली के सभी स्टॉफ शामिल रहे। जिले में यह एक अनोखी शुरुआत है।
कोतवाली निरीक्षक नागोतिया ने बताया कि बालिकाओं को बेहतर शिक्षा मिले और उनका जीवन अच्छा हो। इसके लिए एक प्रयास किया गया है। इसके पुलिस के उच्चाधिकारियों के साथ समाज में अलग-अलग वर्ग के लोगों का सहयोग है। उम्मीद है आने वाले दिनों में अन्य लोग इससे और बेहतर करेंगे। कहा कि लोगों को अपने अधिकारों के साथ मौलिक कत्र्तव्यों का भी बोध रखना चाहिए। इससे समाज में होने वाली कुरुतियां काफी हद तक खत्म हो जाएंगी। लोगों को किसी भी कार्य के लिए दूसरे का मुंह देखना नहीं पड़ेगा। यदि सच्चे दिल से किसी भी कार्य की शुरुआत की जाए तो एक बाद दो और फिर मदद करने वालों का कारवां बढ़ता जाता है।
बिन मां-बाप की दिव्यांग ‘आशा ग्रामीण बालिकाओं की बनी ‘आशा की किरण
ग्राम हथनापुर निवासी दिव्यांग ‘आशा ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं की ‘आशा की किरण है। उनके माता-पिता का निधन हो चुका है। वह दोनो पैरों से दिव्यांग हैं। वह स्नातक करने के बाद ग्रामीण बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा दे रही है। उनके इस कार्य की विधायक दिनेश राय मुनमुन, पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक, एसडीओपी पारूल शर्मा, कोतवाली निरीक्षक एमडी नागोतिया आदि ने प्रशंसा की है।
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