सिवनी

सरकारी शिक्षकों की कोचिंग पर सहायक संचालक की छापेमारी

शिक्षक संगठन के अध्यक्षों ने कहा हो कड़ी कार्रवाई

सिवनीSep 15, 2019 / 05:20 pm

sunil vanderwar

DIAMOND NEWS- चमक खो रहा है सूरत का हीरा उद्योग?

सिवनी. पाबंदी के बाद भी सरकारी स्कूलों के मास्टर कोचिंग लगा रहे हैं। अब उन पर कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सहायक संचालक एसएस कुमरे छापेमारी कर रहे हैं। सभी को हिदायत दी जा रही है, कि आगे से कोचिंग पढ़ाते मिले तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए खुद शिक्षक संगठन भी सामने आया है।
गौरतलब है कि शिक्षकों को शासन इतना वेतन दे रही है, कि एक बेहतर जीवन जिया जा सकता है। इसके बावजूद कुछ शिक्षक ज्यादा रूपए कमाने के लालच में शासन के निर्देशों की परवाह किए बिना गुपचुप तरीके से चुस्ती से कोचिंग का कारोबार कर रहे हैं। जबकि यही शिक्षक स्कूलों में सुस्त बने रहते हैं। अपने शिक्षकीय दायित्व का निर्वहन न कर रूपए के लालच में कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों का कृत्य निंदनीय है। यह कहना है जिले के विभिन्न शिक्षक संगठन के जिला अध्यक्ष व पदाधिकारियों का।
अधिकारी, प्राचार्य दिखाएं गंभीरता –
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने विभागीय अधिकारियों, प्राचार्यों से सख्त कार्रवाई का आग्रह करते कहा कि शासकीय शाला के जो शिक्षक कोचिंग पढ़ा रहे हैं, उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाए। साथ ही शिक्षकों से भी अपने पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए शिक्षकीय कार्य को प्राथमिकता से करने का आग्रह किया है।
अपनी ऊर्जा शालाओं में लगाएं –
जो ऊर्जा शालाओं में लगानी चाहिए, कुछ शिक्षक वह ऊर्जा कोचिंग में लगा रहे हैं। वही ऊर्जा शाला में दें, तो विद्यार्थी शिक्षा में बेहतर होंगे और उन्हें कोचिंग की आवश्यकता नहीं रहेगी। अभिभावक व बच्चों का शोषण न हो, शिक्षक की गरिमा बनी रहे, यह भी ध्यान रखना चाहिए।
कपिल बघेल, जिला अध्यक्ष आजाद अध्यापक शिक्षक संघ
की जाए कड़ी कार्रवाई –
यदि शासकीय शिक्षक कोचिंग पढ़ा रहे हैं, तो उन पर नियम अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए। शिक्षकों से आग्रह है कि शासन के निर्देशों का पालन करते हुए नियमित रूप से शालाओं में अध्यापक कार्य करें। ताकि बच्चों का भविष्य बेहतर हो।
विपनेश जैन, जिला अध्यक्ष राज्य अध्यापक संघ
कमाई का कारोबार है कोचिंग –
हम कोंचिग के विरूद्ध हैं। निश्चित तौर पर उन शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई करनी चाहिए, जो आवश्यकता से अधिक धन के लिए शिक्षक कोचिंग पढ़ा रहे हैं। शासन पर्याप्त वेतन दे रही है, इसके बाद भी कोचिंग पढ़ाना अनुचित है।
श्रवण डहरवाल, जिला अध्यक्ष संविदा शिक्षक संघ।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.