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कई त्यौहारों के साथ राखी भी गई सूनी

locationसिवनीPublished: Aug 18, 2019 01:49:33 pm

Submitted by:

santosh dubey

2018 में भावांतर योजना में बेचे आनाज की राशि पाने भटक रहे सैकड़ों किसान

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कई त्यौहारों के साथ राखी भी गई सूनी

सिवनी. जिले के सभी विकासखण्डों के सैकड़ों किसानों को वर्ष 2018 में भावांतर योजना के तहत बेची गई राशि अभी तक किसानों के खाते में नहीं आई है। राशि के अभाव में किसानों के घरों में अनेक तीज-त्यौहार फीके बीत चुके हैं और गुरुवार को राखी पर्व भी फीकी गई।
मंडियों में बेचे गए आनाज की राशि पाने के लिए किसान कई माह से मंडी कार्यालय, कोषालय, बैंक तो कृषि विभाग के दफ्तर के चक्कर काट परेशान हो रहे हैं। किसान शिकायत पर शिकायत कर रहे हैं लेकिन समस्या का निराकरण समय पर होता नजर नहीं आ रहा है। दूर-दराज से बार-बार आने-जाने वाले किसानों का समय और धन व्यर्थ में बर्बाद हो रहा है।
काफी कम राशि डाली
कृषि विभाग पहुंचने वाले सैकड़ों किसानों का कहना है कि यहां के अधिकारी कभी कहते हैं कि मंडी से सूची नहीं आई है। कभी कहते हैं बैंक एकाउन्ट नम्बर गड़बड़ है। तो किसी से कहा जाता है कि जिला कोषालय से दस्तावेज नहीं मिले हैं। कुछ किसानों के खाते में मात्र एक-दो हजार रुपए ही पहुंचे। अनेक किसानों के खाते में 30 हजार तो किसी के खाते में 80 हजार रुपए डाले जाने हैं। वहीं सुनवारा के देवेन्द्र कुमार, संत कुमार मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2017-18 में 761 क्विंटल मक्का कुडारी सोसायटी में बेचा था। जिसकी कुल राशि 2 लाख 47 खाते में आना था। कलेक्टर से शिकायत करने के बाद खाते में दो बार में मात्र 86 हजार रुपए ही आए हैं। शेष 1 लाख 61 हजार रुपए की राशि प्राप्त करने के लिए कई बार दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं। वहीं अनेक किसानों ने सीएम हेल्प लाइन में भी इस मामले की शिकायत किए हैं लेकिन बैंक खाते में राशि अप्राप्त होने से किसानों एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर घूम रहे हैं और समस्या जस की तस बनी हुई है। कुछ किसान का गेहूं का बोनस भी रुका हुआ है। ग्राम पंचायत हथनापुर के ग्राम ढाना निवासी एक किसान ने बताया कि मां माहोबाई वर्मा के नाम से पंजीयन है। मक्का 2018 में बेचे थे। एक एकाउन्ट में गड़बड़ी कर दिए जाने से राशि लेने के लिए पिछले एक माह से परेशान हैं।
इनका कहना है
वर्ष 2017-18 में कुडारी सुनवारा मंडी में 761 क्विंटल मक्का बेचे थे जिसकी राशि 2 लाख 47 हजार रुपए के एवज में मात्र 86 हजार रुपए ही राशि मिली है। 5-6 माह से चक्कर काटने के बाद भी शेष राशि नहीं मिल रही है।
भरत मिश्रा, किसान, सुनवारा

इनका कहना है
वर्ष 2018 में 153 क्विंटल मक्का बेचे थे जिसकी राशि 38 हजार रुपए अभी तक अप्राप्त है। राखी पर्व के चलते आज राशि लेने आए तो कहा गया कि खाता बिगड़ गया है, आठ दिन बाद खाता सुधर जाएगा।
कैलाश साहू, ग्राम नोनिया छपारा

पिछले साल की भावांतर राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। कम भुगतान हुआ है। मात्र 1607 रुपए डाले हैं। जबकि मिलना है। 11195 रुपए अभी तक नहीं मिला है। 2018 से परेशान हैं। सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत कराया हूं। अधिकारी कहते हैं कि तुम्हारा सभी भुगतान हो गया है।
मूरत सिंह सनोडिया, सापापार, ग्रापं. मुंगवानी कला

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इनका कहना है
पंजीयन के समय से ही अधिकांश किसानों के खाता नम्बर गलत प्राप्त हुए थे, ऐसे गलत खातों में भुगतान कर दिया गया था। अब जैसे-जैसे रिफन्ड चालान जिला कोषालय से प्राप्त हो रहे हैं। वैसे-वैसे उसमें सुधार करके बिल लगाया जा रहा है। कुछ ही किसानों का भुगतान शेष है।
वीके देशमुख, सहायक संचालक कृषि, सिवनी.

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