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जेल में चल रहा खेल, पढि़ए पूरी खबर

क्रिकेट, वॉलीबाल, शतरंज, कैरम, गीत-संगीत की हो रही प्रतियोगिता

सिवनीDec 25, 2018 / 12:19 pm

sunil vanderwar

जेल में चल रहा खेल, पढि़ए पूरी खबर

सिवनी. जेल में बंदियों के बीच सद्भाव का वातावरण बना रहे, बंदी खेल गतिविधि में शामिल होकर स्वस्थ रहें, उनका मनोरंजन हो। इस उदद्ेश्य से सर्किल जेल नरसिंहपुर की अधीक्षक शैफाली तिवारी के निर्देश पर उपजेल लखनादौन में इन दिनों बंदियों के बीच खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं। बंदी भी क्रिकेट, बॉलीवाल, शतरंज, कैरम जैसे खेल और गीत-संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपना हुनर दिखा रहे हैं। इन बंदियों को प्रतियोगिता के समापन पर पुरस्कृत भी किया जाएगा।
उपजेल अधीक्षक अभय वर्मा ने बताया कि उपजेल में १२९ बंदी निरूद्ध हैं। सर्किल जेल अधीक्षक के निर्देश पर बंदियों के मध्य सांस्कतिक कार्यक्रम एवं क्रीड़ा प्रतियोगिता सोमवार से प्रारंभ की गई हैं। ये प्रतियोगिताएं ३० दिसंबर तक जारी रहेंगी।
बंदियों ने बेट और बल्ले में दिखाया कमाल –
बंदियों के बीच क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए चार टीमें ए, बी, सी एवं डी बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम में ११-११ खिलाड़ी रखे गए हैं। सोमवार को पहले दिन ए और बी टीम के बीच ८-८ ओवर का मैच खेला गया। जेल अधीक्षक ने टॉस फेंका और ए टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लेकर निर्धारित ८ ओवर में ६ विकेट खोकर ४५ रन बनाए। वहीं ४६ रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बी टीम ७ विकेट गंवाकर निर्धारित ओवर में मात्र २८ रन ही बना सकी। इस तरह ए टीम विजय रही। किसी बड़े मैच की तरह ही बंदियों के बीच हुए मैच का रोमांच देखने को मिला। दर्शक दीर्घा में बैठे बंदी भी चौके-छक्के लगने और विकेट गिरने पर अपनी-अपनी टीम का तालियों से हौसला बढ़ा रहे थे।
सह-मात के खेल में भी बंदी आगे –
शतरंज, कैरम, वॉलीबाल प्रतियोगिता में भी बंदियों ने अपनी-अपनी रूचि के अनुसार हिस्सा लिया। सह-मात के खेल शतरंज में बंदी एक से बढ़कर एक चाल में माहिर खिलाड़ी साबित हुए। वहीं कैरम में दो बंदियों ने जीत हासिल की। दूसरी तरफ गीत-संगीत की गतिविधि में बंदी जस, भजन, गीत, दोहे, चौपाई गाने और ढोलक, करताल, मंजीरा, शंख जैसे वाद्ययंत्रों के बीच सांस्कृतिक प्रस्तुति दे रहे हैं।
समाजसेवी, स्टॉफ ने दी खेल सामग्री –
बंदियों के खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए समाजसेवी व जेल स्टॉफ द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। सहअधीक्षक ने बताया कि खेल गतिविधियों के लिए जेल स्टॉफ ने क्रिकेट किट व अन्य सामग्री व सांस्कृतिक आयोजन के लिए वाद्ययंत्र जैसी सामग्री समाजसेवियों के सहयोग से प्राप्त हुई है। इसमें जेल स्टॉफ के घनश्याम भाजीपाले, रामकुमार, दुर्गेन्द्र सिलावट, राजरूपसिंह प्रहरी का योगदान रहा।
बंदी सीख रहे जीने की कला –
उपजेल अधीक्षक ने बताया कि बंदियों को अपराध मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करने समय-समय पर विविध धर्म गुरुओं के द्वारा उपदेश दिए जाते हैं, तो वहीं सांस्कृतिक, खेल, योग जैसी गतिविधियों से बंदियों को तनावमुक्त रखने आयोजन होते हैं। हर महीने जेल परिसर में स्वास्थ्य शिविर लगाकर बंदियों की जांच कर आवश्यक उपचार सुविधा प्रदान की जाती है। बंदियों और उनके परिजनों के बीच वार्तालाप हो सके, इसके लिए बकायदा टेलीकॉम सुविधा आरंभ की गई है। जेल में ही बंदियों के मनोरंजन के लिए टीवी, किताबों की लाइबे्ररी है।
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