महाराष्ट्र के बार्डर पर घूमता है ‘रयाकसाÓ
‘रयाकसाÓ बाघ का दबदबा उक्त क्षेत्र में करीब एक दशक तक रहा है। अब वह महाराष्ट्र की सीमा में चला गया है। पेंच प्रबंधन का दावा है कि वह गायब नहीं हुआ है बल्कि बार्डरों पर घूम रहा है। उसकी उम्र ज्यादा हो चुकी है। अब वह पहले जैसे ताकतवर नहीं रहा। वह नए बाघ से मुकाबला नहीं कर सकता है। इसकी वजह से उसने सुरक्षित जगह की तलाश शुरू कर दी है।
‘रयाकसाÓ बाघ का दबदबा उक्त क्षेत्र में करीब एक दशक तक रहा है। अब वह महाराष्ट्र की सीमा में चला गया है। पेंच प्रबंधन का दावा है कि वह गायब नहीं हुआ है बल्कि बार्डरों पर घूम रहा है। उसकी उम्र ज्यादा हो चुकी है। अब वह पहले जैसे ताकतवर नहीं रहा। वह नए बाघ से मुकाबला नहीं कर सकता है। इसकी वजह से उसने सुरक्षित जगह की तलाश शुरू कर दी है।
एक माह से डाइक अलीकट्टा क्षेत्र प्रतिबंधित
करीब एक माह से पेंच के डाइक अलीकट्टा क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया है। पेंच प्रबंधन की माने तो उक्त क्षेत्र में कालरवाली बाघिन ने करीब नौ माह पूर्व जन्मे शावकों को रखा है। इसलिए उधर से पर्यटकों का आना-जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसका नतीजा है कि इनदिनों पर्यटकों को पेंच में बाघ देखने को कम मिल रहे हैं। इससे उनको मायूसी हाथ लग रही है।
करीब एक माह से पेंच के डाइक अलीकट्टा क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया है। पेंच प्रबंधन की माने तो उक्त क्षेत्र में कालरवाली बाघिन ने करीब नौ माह पूर्व जन्मे शावकों को रखा है। इसलिए उधर से पर्यटकों का आना-जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसका नतीजा है कि इनदिनों पर्यटकों को पेंच में बाघ देखने को कम मिल रहे हैं। इससे उनको मायूसी हाथ लग रही है।
नए बाघ बना रहे हैं टेरिटेरी
पेंच में बाघों की संख्या बढ़ रही है। नए बाघ अपनी टेरिटेरी बना रहे हैं। ‘रयाकसाÓ लापता नहीं हुआ है। बाघ एक से दूसरे जगह आते-जाते रहते हैं।
– एमबी सरसैया, डिप्टी डॉयरेक्टर पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी
पेंच में बाघों की संख्या बढ़ रही है। नए बाघ अपनी टेरिटेरी बना रहे हैं। ‘रयाकसाÓ लापता नहीं हुआ है। बाघ एक से दूसरे जगह आते-जाते रहते हैं।
– एमबी सरसैया, डिप्टी डॉयरेक्टर पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी