script‘रयाकसा लापता अब उस क्षेत्र का नया बादशाह ‘भगोड़ा बाघ | 'Ryakasa missing now the new king of that area' Runaway tiger | Patrika News

‘रयाकसा लापता अब उस क्षेत्र का नया बादशाह ‘भगोड़ा बाघ

locationसिवनीPublished: Mar 31, 2019 09:30:53 pm

Submitted by:

akhilesh thakur

इसी क्षेत्र में रहती है पेंच की रानी कालरवाली बाघिन

Tiger in the forest

मुकुन्दरा हिल्स

अखिलेश ठाकुर सिवनी. पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ के सबसे बड़े टेरिटरी के रूप में जाना जाने वाला ‘रयाकसाÓ बाघ के क्षेत्र का नया बादशाह ‘भागोड़ाÓ बाघ होगा। नए बाघ का नाम ‘भगोड़ाÓ पेंच के गाइड और पर्यटकों ने रखा है। इसके पीछे विगत एक वर्ष से कई बार क्षेत्र में आने और भागने की वजह से उसका नाम ‘भगोड़ाÓ रखा गया है।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीलब्ध पेंच में सबसे बड़े करीब १६ वर्गकिमी की टेरिटरी वाला रयाकसा क्षेत्र में विचरण करने और ‘रयाकसाÓ के नाम से विख्यात बाघ इन दिनों लापता हो गया है। खास है कि उक्त क्षेत्र में करीब तीन-चार बाघिन भी दिखती है, जिसमें दुनियाभर में विख्यात कालरवाली बाघिन का नाम शामिल है। कालरवाली बाघिन के नाम सबसे अधिक बार शावक को जन्म देने का रिकार्ड है। उसे पेंच की रानी भी कहा जाता है। ऐसे में बाघों के लिए इस क्षेत्र अहमियत आसानी से लगाई जा सकती है। उस क्षेत्र में अब ‘रयाकसाÓ की जगह ‘भगोड़ाÓ बाघ ले रहा है। जब तक ‘रयाकसाÓ जवान था तब उक्त क्षेत्र में किसी बाघ ने आने की जुर्रत नहीं की, लेकिन विगत कुछ दिनों से उसकी गतिविधियां उस क्षेत्र में नहीं दिख रही है। करीब एक वर्ष से उस एरिया में अपनी पकड़ बनाने की फिराक में प्रयासरत ‘भगोड़ाÓ की बादशाहत अब दिखने लगी है। इसकी पुष्टि पेंच के गाइड और पर्यटक कर रहे हैं। तीन साल से पेंच में गाइड का कार्य कर रहे सुनील कुमार ने बताया कि रयाकसा क्षेत्र में दिखने वाले नए बाघ का नाम हमलोगों ने ‘भगोड़ाÓ रखा है, क्योंकि करीब एक साल में वह कई बार उक्त क्षेत्र में दिखता और फिर भाग जाता था। विगत कुछ दिनों से इस क्षेत्र का बादशाह ‘रयाकसाÓ अब नहीं दिख रहा है। उसकी जगह ‘भगोड़ाÓ बाघ ने ले ली है। नए बाघ का नाम ‘भगोड़ाÓ रखने की अधिकारिक पुष्टि पेंच प्रबंधन ने नहीं की है।
महाराष्ट्र के बार्डर पर घूमता है ‘रयाकसाÓ
‘रयाकसाÓ बाघ का दबदबा उक्त क्षेत्र में करीब एक दशक तक रहा है। अब वह महाराष्ट्र की सीमा में चला गया है। पेंच प्रबंधन का दावा है कि वह गायब नहीं हुआ है बल्कि बार्डरों पर घूम रहा है। उसकी उम्र ज्यादा हो चुकी है। अब वह पहले जैसे ताकतवर नहीं रहा। वह नए बाघ से मुकाबला नहीं कर सकता है। इसकी वजह से उसने सुरक्षित जगह की तलाश शुरू कर दी है।
एक माह से डाइक अलीकट्टा क्षेत्र प्रतिबंधित
करीब एक माह से पेंच के डाइक अलीकट्टा क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया है। पेंच प्रबंधन की माने तो उक्त क्षेत्र में कालरवाली बाघिन ने करीब नौ माह पूर्व जन्मे शावकों को रखा है। इसलिए उधर से पर्यटकों का आना-जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसका नतीजा है कि इनदिनों पर्यटकों को पेंच में बाघ देखने को कम मिल रहे हैं। इससे उनको मायूसी हाथ लग रही है।
नए बाघ बना रहे हैं टेरिटेरी
पेंच में बाघों की संख्या बढ़ रही है। नए बाघ अपनी टेरिटेरी बना रहे हैं। ‘रयाकसाÓ लापता नहीं हुआ है। बाघ एक से दूसरे जगह आते-जाते रहते हैं।
– एमबी सरसैया, डिप्टी डॉयरेक्टर पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी
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