सिवनी

सरपंच, सचिव को 5-5 साल की कैद

स्कूल भवन निर्माण में शासकीय राशि का किया गबन

सिवनीAug 04, 2019 / 09:14 pm

santosh dubey

triple tlaq

सिवनी. विकासखण्ड लखनादौन क्षेत्र के ग्राम पंचायत पुरवा में प्राथमिक शाला पुरवा में अतिरिक्त कक्ष निर्माण में दी गई राशि के एवज में कम राशि का उपयोग कर निर्माण किए जाने की शिकायत पर न्यायालय ने शासकीय राशि गबन करने वाले सरपंच, सचिव को पांच-पांच साल की कैद की सजा सुनाई है।
मीडिया सेल प्रभारी मनोज सैयाम ने बताया कि लखनादौन थाना के अतंर्गत ग्राम पंचायत पुरवा ग्राम पंचायत पुरवा में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्ष 2011-2012 में प्राथमिक शाला पुरवा में अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 2,70,000 रुपए स्वीकृत किया गया था। इस अतिरिक्त भवन के निर्माण एंजेसी ग्राम पंचायत पुरवा थी। जिसके अनुसार संरपच रामबती बाई पति शेरसिंह धुर्वे एवं सचिव सुन्दरलाल ठाकुर द्वारा निमार्ण कार्य कराया गया।
मूल्यांकन में सामने आई गड़बड़ी
निर्माण कार्य छत स्तर पर कर बंद कर दिया गया था। शेष कार्य निर्माण कार्य के लिए पुन: जिला शिक्षा केंद्र सिवनी से अतिरिक्त निर्माण राशि ग्राम पंचायत पुरवा के खाते में जमा करायी गई थी। उक्त निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात दिए गए शासकीय राशि एंव निर्माण कार्य की लागत का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन कराया गया। जिस पर जांच में पाया गया कि उपरोक्त दी गई निर्माण राशि में से कम राशि का कार्य कराया गया है।
इस प्रकार निर्माण एंजेसी ग्राम पंचायम पुरवा के संरपच रामबती बाई एवं सचिव सुन्दरलाल द्वारा रुपए 1,20,176 रुपए राशि का स्वयं के लिए उपयोग कर गबन किया गया। जिसके कारण सरपंच और सचिव के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपेार्ट थाना लखनादौन में धारा 420, 409 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया गया। तथा विवेचना पूर्ण पश्चात दोनों आरोपी के विरूद्ध न्यायालय में चालान पेश किया गया था। जिसकी सुनवाई न्यायालय मोहित दिवान, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, लखनादौन जिला सिवनी की न्यायालय में विचारण किया गया। जिसमें शासन की ओर से केसी निगम विशेष लोक अभियोजक तथा निर्जला मर्सकोले अतिरिक्त जिला अभियेाजन अधिकारी के द्वारा गवाहा और सबूत पेश किए गए जिस पर उपरोक्त न्यायालय द्वारा आरोपी सचिव सुन्दर लाल तथा आरोपिया सरपंच रामबती बाई दोनों को धारा-420 भादवि में 5-5 वर्ष एवं धारा-409 भादवि में 5-5 वर्ष का कारावास एवं 20,000-20,000 रुपए का अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया गया।

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