चुनाव की वजह से शिक्षक उसमें व्यस्त थे, तभी लोगों को विस्फोट की आवाज सुनाई दी। तेज धमाके की आवाज सुन आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। जैसे ही शिक्षक मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बच्चे खून से लथपथ हैं, इसके बाद बच्चों को पहले छपारा अस्पताल ले जाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें सिवनी अस्पताल रेफर किया गया।
एक की हालत गंभीर
ब्लास्ट में तीन बच्चे घायल हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। दो बच्चों को सिर, हाथ और सीने में चोट लगी है। घायल बच्चों के मुताबिक वो बैटरी से बल्ब जलाने की कोशिश कर रहे थे तभी उसमें विस्फोट हो गया। मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी कमलेश कुमार खरपुसे के मुताबिक विस्फोट किसी बैटरीनुमा चीज़ से हुआ है, पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंचकर पूरी घटना की जांच कर रही है।
ब्लास्ट में तीन बच्चे घायल हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। दो बच्चों को सिर, हाथ और सीने में चोट लगी है। घायल बच्चों के मुताबिक वो बैटरी से बल्ब जलाने की कोशिश कर रहे थे तभी उसमें विस्फोट हो गया। मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी कमलेश कुमार खरपुसे के मुताबिक विस्फोट किसी बैटरीनुमा चीज़ से हुआ है, पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंचकर पूरी घटना की जांच कर रही है।
स्कूल में कहां से पहुंचा ये सामान
इस घटना के बाद बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्कूल केे क्लासरूम में बच्चों के हाथ में बैटरीनुमा चीज़ आई कैसे, बहरहाल पुलिस और एफएसएल की टीम इन सारे सवालों के जवाब ढूंढने में जुटी हुई है। लेकिन स्कूल को फिलहाल बंद कर दिया गया। वहीं बच्चों में भी दहशत का माहौल है।
इस घटना के बाद बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्कूल केे क्लासरूम में बच्चों के हाथ में बैटरीनुमा चीज़ आई कैसे, बहरहाल पुलिस और एफएसएल की टीम इन सारे सवालों के जवाब ढूंढने में जुटी हुई है। लेकिन स्कूल को फिलहाल बंद कर दिया गया। वहीं बच्चों में भी दहशत का माहौल है।
शिक्षकों पर लापरवाही के आरोप
घटना के बाद अभिभावकों में काफी आक्रोश है। अभिभावक और आसपास के लोग शिक्षकों पर ही लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। आखिरी बच्चों के क्लासरूम में कैसे ये सारी चीजें खुले में रखी हुई थीं और इन्हें वहां खेलने के लिए छोड़ दिया गया था। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि अगर शिक्षकों की लापरवाही की बात सामने आती है तो जांच के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद अभिभावकों में काफी आक्रोश है। अभिभावक और आसपास के लोग शिक्षकों पर ही लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। आखिरी बच्चों के क्लासरूम में कैसे ये सारी चीजें खुले में रखी हुई थीं और इन्हें वहां खेलने के लिए छोड़ दिया गया था। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि अगर शिक्षकों की लापरवाही की बात सामने आती है तो जांच के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी।