सिवनीPublished: Mar 27, 2018 11:45:32 am
mantosh singh
गौ, गीता, गंगा महामंच ने बच्चों संग मनाया रामजन्मोत्सव
सिवनी. गौ, गीता, गंगा महामंच द्वारा हिन्दू धर्म की आत्मा और संस्कृति के वाहक भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर बच्चों द्वारा गौ पूजन के माध्यम से सत्य, प्रेम, मर्यादा और सेवा का संदेश दिया गया। साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों और गुणों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।
गौ, गीता, गंगा महामंच द्वारा राम मंदिर भैरोगंज सिवनी मे हमारे आदर्श और प्रेरणा स्रोत भगवान श्रीराम कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वप्रथम बच्चों से भगवान श्रीराम का पूजन करवाया गया पश्चात महामाया मंदिर में देवी पूजन, कन्या पूजन भैरव पूजन के साथ गौ पूजन का कार्यक्रम रखा गया था। बच्चों को भगवान राम के जीवन का वर्णन करते हुए बताया गया कि वे कैसे प्रात: काल उठकर सर्वप्रथम अपने गुरुजनो और माता, पिता के चरण स्पर्श करते थे। गुरुजनों बड़ों और माता-पिता के आशीर्वाद से ही वे राजा रामचंद्र मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। उनका जन्म ही विप्र, धेनु, संतो की सेवा के लिए हुआ था। उनके कर्मा व संदेशों को हम अपने जीवन मे अपनाएं।
गौ, गीता, गंगा महामंच के संयोजक रविकान्त पाण्डेय ने बच्चों को रामनवमी के विषय में बताया कि हम रामनवमी और जन्माष्टमी तो उल्लासपूर्वक मनाते हैं पर उनके कर्म व संदेश को नहीं अपनाते। श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता ज्ञान आज सिर्फ एक ग्रंथ बनकर रह गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मोत्सव तो धूमधाम से मनाया जाता है पर उनके आदर्शों को जीवन में नहीं उतारा जाता। अयोध्या के राजकुमार होते हुए भी भगवान राम अपने पिता के वचनों को पूरा करने के लिए संपूर्ण वैभव को त्याग कर चौदह वर्ष के लिए वन चले गए और आज देखें तो वैभव की लालसा में ही पुत्र अपने माता-पिता का काल बन रहा है।
गौ,गीता,गंगा महामंच के बाबा बलवंतानंद ने अपने संदेश मे कहा कि परिस्थिति यह है कि महापुरुषों के आदर्श सिर्फ टीवी धारावाहिकों और किताबों तक सिमटकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि राम की सही मायने में आराधना करनी है और राम राज्य स्थापित करना है तो जय श्रीराम के उच्चारण के पहले उनके आदर्शों और विचारों को आत्मसात किया जाना चाहिए। तभी रामनवमी मनाने का संकल्प हमारे लिए सही साबित होगा। गौ, गीता, गंगा महामंच द्वारा साक्षात मॉ सिद्धिदात्री के रूप में गौरी पाण्डेय का पूजन किया गया।