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सीताफल से किसानों की आय में आएगी मिठास

locationसिवनीPublished: Dec 06, 2021 12:16:41 pm

Submitted by:

mantosh singh

प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए मिल रहा आर्थिक सहयोगनर्सरी से पौधे उपलब्ध कराएगा उद्यानिकी विभाग

सीताफल से किसानों की आय में आएगी मिठास

सीताफल से किसानों की आय में आएगी मिठास

सिवनी. सिवनी के सीताफल को एक जिला एक उत्पाद में शामिल किया गया है। इसके साथ ही सीताफल को देशभर में पहचान दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। सीताफल का रकबा बढ़ाने के साथ ही प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रोसेसिंग यूनिट लगने से सीताफल का उत्पादन बढ़ेगा। किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। वर्तमान में 650 हैक्टेयर क्षेत्र में सीताफल का उत्पादन होता है। फिलहाल जंगली क्षेत्रों में ही सीताफल के पौधे हैं। सीताफल से पांच हजार परिवारों का रोजगार जुड़ा हुआ है। प्रतिवर्ष एक से डेढ़ लाख रुपए की आय होती है।

एक जिला एक उत्पाद में शामिल होने के बाद पहली बार सीताफल की नर्सरी तैयार की जा रही है। सीताफल के सात से दस लाख पौधे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। 20 प्रतिशत तक रकबा बढ़ाने के निर्देश मिले हैं। नर्सरी में तैयार पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए तीन दर्जन से अधिक किसानों ने आवेदन किया है। ऐसे किसानों को प्रशिक्षण के साथ तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी। विशेषज्ञों की निगरानी में ग्राफ्टेड एनएमके-1 (गोल्डेन सीताफल) के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। गोल्डेन सीताफल का एक फल 500 ग्राम या इससे अधिक का होता है।

प्रोसेसिंग यूनिट को प्रोत्साहन
जिले में सीताफल पर आधारित प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रदेश सरकार आर्थिक सहयोग कर रही है। बैंक लोन में 30 प्रतिशत या 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए लोगों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है। अब तक 10 लोगों ने आवेदन किया है। आवेदक के सहयोग के लिए डिस्ट्रिक रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति की गई है, जो पूरी प्रक्रिया में सहयोग कर रहा है।

छपारा में सीताफल की मंडी
छपारा में सीताफल की मंडी लगती है, जहां गांव-गांव से लोग टोकरी में सीताफल तोडकऱ बेचने के लिए लाते हैं। देशभर में यहां से सीताफल जाता है। छपारा के अलावा जिले के दूसरे विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भी सीताफल होता है।

महिलाओं का समूह कर रहा कार्य
आजीविका मिशन के सहयोग से छपारा विकासखंड में 35 महिलाओं का समूह कार्य कर रहा है। इस सीजन में जबलपुर और नागपुर के व्यापारियों ने एक क्विंटल सीताफल के गुदा का आर्डर दिया था। महिलाओं के समूह ने गुदा निकालकर उनको उपलब्ध कराया। महिलाओं के समूह को उपकरण भी उपलब्ध कराया है। उपकरणों के सहयोग से महिलाओं ने उक्त कार्य किए हैं।

शासकीय भूमि पर प्लांटेशन
एक जिला एक उत्पाद में शामिल किए जाने के बाद सीताफल के पौधा का शासकीय भूमि पर प्लांटेशन किया जाएगा। मनरेगा योजना से पौधरोपण होगा। 15 जनवरी 2022 से पौधरोपण शुरू होगा। उद्यानिकी विभाग के जिले के सात नर्सरियों में एक से डेढ़ लाख प्रति नर्सरी पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
– डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार, सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग, सिवनी

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