किसी ने फैंका, किसी ने छुपा लिया...
मातृशक्ति संगठन ने चलाया अभियान पॉलीथिन मुक्ति अभियान

सिवनी. मातृशक्ति संगठन द्वारा बाजार, बस स्टैण्ड व अन्य क्षेत्र की सडक़ों पर घूमकर दुकानदारों, व्यवसायियों को अमानक स्तर की पॉलीथिन का उपयोग बंद करने की समझाइश देते हुए पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने का आग्रह किया गया।
इस अवसर पर कई विक्रेताओं ने बताया कि उनके द्वारा पॉलीथिन उपयोग बन्द कर दिया गया है तो कुछ ने संगठन को देखकर पॉलिथीन छुपा ली। वहीं कुछ के द्वारा अपनी पॉलिथीन मातृशक्तियों को दे दी गई कि अब उपयोग नहीं करेंगे।
सब्जी मंडी से पॉलीथिन में सब्जियां ले जाते हुए लोगों को संगठन ने समझाया तो उन्होंने कहा कि वो घर से थैले लेकर नहीं आए हैं। इस स्थिति में मातृशक्तियों ने उन लोगों को तुरंत थैले खरीदकर दिए और पॉलीथिन ले ली। पहले भी संगठन द्वारा कपड़े की थैलियां और कागज के पैकेट बांटे जा चुके है। पॉलिथिन से होने वाले दुष्प्रभाव से वाकिफ होकर लोगों ने कहा अब से थैला लेकर ही बाजार आएंगे।
मातृशक्तियों ने कहा कि शहर भर में उड़ रही ये पॉलीथिन पर्यावरण को कितना दूषित कर रही है, ये आमजन मानस को समझना होगा। मातृशाक्ति संगठन की सदस्यों द्वारा नगर पालिका प्रशासन से आग्रह कर कहा है कि जहां भी पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है उन पर सख्त कार्रवाई हो। किराना और मेडिकल स्टोर कागज के पैकेट उपयोग कर सकते हंै वहीं फल-सब्जियों के लिए कपड़े की थैलियां उपयोग की जा सकती है। दूध-दही जैसे तरल सामग्री के लिए घर से डिब्बे ले जाएं। साथ ही नगरवासियों से भी आग्रह किया है कि वो विके्रताओं से पॉलीथिन में सामान मांगने की जिद न करें। के्रता-विके्रता की थोड़ी सी जागरूकता और प्रशासन की सतर्कता इन सब के सहयोग से ही हम सब कह पाएंगे है मेरा सिवनी नम्बर बनेगा वन।
नदी की यात्रा कर दल ने जाना महत्व
इंडियन स्काउट एंड गाइड सिवनी और अग्रणी समाज कल्याण समिति सिवनी के द्वारा बावनथडी नदी यात्रा का आयोजन किया गया। ये यात्रा सोमवार को कुरई ब्लॉक के दरासी खुर्द कैंप से शुरू होकर जंगल के रास्ते चंद्रपुर कैंप पहुंची जहाँ यात्रा का प्रथम पड़ाव रखा गया। इसके पश्चात दिनांक 5 जून को सुबह यात्रा चंद्रपुर कैंप से शुरू होकर पाटन गोंसाई बाबा के मंदिर होते हुए खैर घाट पर खत्म हुई।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य एक नदी को केवल जल वाहक न देखते हुए हमारे पर्यावरण के प्रमुख अवयव के रूप में समझना, साथ ही एक नदी के रूप में बावनथड़ी नदी के जीवन को और उसके आसपास के जंगल के साथ सम्बन्ध को समझना। एक नदी किस प्रकार जंगल के हर जीव के जीवन से जुडी हुई है। नदी का जीवन किस प्रकार रेत से जुडा हुआ है। जहां रेत नदी को गर्मियों में भी जिंदा रखने का कार्य करती है। जंगल और पशु-पक्षी किस प्रकार नदी के आसपास अपना जीवन यापन करते हैं उसकी क्या महत्ता है। इन सबका का अध्ययन इस यात्रा में यात्रियों द्वारा किया गया। इस पूरी यात्रा में ज्ञान स्त्रोत के रूप में पर्यावरण विद आनंद सिन्हा द्वारा यात्रियों को ये सब जानकारियां प्रदान की गई। इस यात्रा में इंडियन स्काउट एण्ड गाइड के फेलो, अग्रणी से प्रतिभागी, दिल्ली व चेन्नई से आए प्रतिभागियों द्वारा इसमें भाग लिया गया। इस पूरी यात्रा में पेंच टाइगर रिज़र्व के स्टाफ का सहयोग रहा।
महिला सशक्तिकरण के साथ होगा पर्यावरण संरक्षण
जिला पंचायत के अंर्तगत संचालित दीनदयाल अंत्योदय योजना मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा जिला पंचायत सीइओ स्वरोचिष सोमवंशी के निर्देश अनुसार व जिला परियोजना प्रबंधक अम्ब्रीश सोनगोत्रा के मार्गदर्शन में, अन्तराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मिशन स्टाफ द्वारा पर्यावरण दिवस पर चर्चा कि गई। इसमें पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण का आजीविका के साथ सम्बंध, बिजली व जल संरक्षण के उपाय, वृक्षारोपण का महत्व, प्लास्टिक के कम उपयोग एवं रिसाइक्लिग(निपटान) पर उपस्थित समस्त समूहों के सदस्यों को जानकारी दी गई। समूह एवं ग्राम संगठित कर रैली निकाली गई। साथ ही पौधा रोपण किया गया। यह कार्यक्रम सभी विकासखण्डों में आयोजित किया गया।
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