सिवनीPublished: Feb 27, 2018 03:34:49 pm
mantosh singh
अभियोजन विभाग की सम्भागीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
सिवनी. पुलिस कंट्रोल रूम में अभियोजन विभाग की सम्भागीय ऐतिहासिक कार्यशाला आयोजित की गई। यह एक दिवसीय कार्यशाला सुबह से शाम तक आयोजित की गयी। कार्यशाला में जबलपुर संभाग के मंडला, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट के अभियोजन अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला में उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायाधिपति एचपी सिंह मुख्य अतिथि के रूप में, अपने उद्बोधन में अभियोजन अधिकारियों को महत्वपूर्ण एव विधिसंगत कानूनों पर मार्गदर्शन प्रदान किया। साथ ही कहा कि (अभियोजन) आपराधिक न्याय प्रणाली की रीढ़ है। जिस पर पीड़तों को न्याय प्रदान करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। अभियोजन न्याय व्यवस्था का महत्वपूर्ण एवं अभिन्न अंग है। पीडि़तों को न्याय प्रदान करने में अभियोजन अधिकारियों की महती भूमिका एवं दायित्व पर प्रकाश डाला।
वहीं कार्यशाला के विशेष अतिथि वीपी सिंह, विशेष न्यायधीश (एट्रोसिटी) सिवनी रहे। जिन्होंने अभियोजन अधिकारियों को आपराधिक मामलों विधिक कार्रवाई पर प्रभावी ढंग से पक्ष रखने के सबंध में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यशाला में अभियोजन के प्रथम अंग के मुखिया के रूप में पुलिस की और से पुलिस अधीक्षक तरुण नायक द्वारा अपने उद्बोधन में अभियोजन एवं पुलिस की भूमिका पीडि़त को न्याय प्रदान करने में, अपराध की रोकथाम के लिए आधुनिक और प्रभावी रूप से कार्य करने पर, अपना उद्बोधन दिया गया।
अनुविभागीय दण्डाधिकारी हर्ष सिंह द्वारा भी अभियोजन के प्रभावी भूमिका पर उद्बोधन दिया। कार्यशाला में विशेष आमंत्रित अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खांडेल द्वारा भी अभियोजन एवं पुलिस की कार्यवाही को पीडि़त को न्याय के अनुकूल और सशक्त बनाने पर जोर दिया। अतिरिक्त प्रथम सत्र न्यायधीश मनोज कुमार लढिया द्वारा अभियोजन और पुलिस की मध्य समन्जय और अभियोजन अधिकारियों के अस्तिव एवं भूमिका पर मार्गदर्शन दिया।
कार्यशाला का उद्देश्य एवं विषय अभियोजन की व्यवसायिक दक्षता एवं संवर्धन पर सभांग जबलपुर के विख्यात और विद्वान विधि विशेषज्ञ, व्याख्याता के रूप अनिल मिश्रा जिला अभियोजन अधिकारी, मण्डला, सेवानिवृत्त उप संचालक जेआर मठेश्वर सिवनी, सेवानिवृत्त उप संचालक एनपी सोनी, छिंदवाड़ा, जिला अभियोजन अधिकारी समीर पाठक छिंदवाड़ा, सेवानिवृत्त जिला अभियोजन अधिकारी खंडेलकर, तथा अधिवक्ता रविन्द्र चौधरी ने तय विषयानुसार महत्वपूर्ण और सारभूत व्याख्यान प्रदान दिए जिसमें मुख्य रूप से महिलाओं से संबंधित अपराध, भ्रष्टाचार संबंधी अपराध, जघन्य एवं सनसनी, गंभीर मामलों, सूचना प्रोद्योगिकी, चिकित्सकिय सबूत, कानूनों पर चर्चा एवं मार्गदर्शन प्रदान किया। जिसमें उपरोक्त कार्यशाला को सफल बनाने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोगी अधिकारियों एव प्रतिभागियों का रमेश उईके एवं जिला अभियोजन अधिकारी दीपा मर्सकोले तथा आयोजन समिति ने आभार प्रकट किया।