सिवनीPublished: May 26, 2019 01:19:07 pm
santosh dubey
केदारपुर में जारी श्रीराम कथा
अमृत के समान है श्रीरामकथा
सिवनी. विकासखण्ड घंसौर के किंदरई में राम कथा अमृत रस है। इसका पान करने वाले जीवन में सही मार्ग को चुनते हैं, उनका सदा कल्याण होता है। उक्ताशय की बात ग्राम केदारपुर में चल रही श्रीराम कथा में रमखिरिया नरसिंहपुर से आए कथावाचक पं. रामशरण शास्त्री ने श्रद्धालुजनों से कही।
उन्होंने बताया कि मानव ही नहीं, देवता भी श्रोता बनकर श्रीराम कथा का श्रवण करने को आतुर रहते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने कुंभज ऋषि द्वारा सुनाई गई राम कथा का शिव व पार्वती के श्रवण का प्रसंग बताया।
श्रीराम का नाम सीधा या उलटा जपने का कोई विभेद नहीं है। वाल्मीकिजी दस्यु थे, जिनका पूरा समय मार काट में बीता था। परंतु, उलटा नाम लगातार जपते- जपते वे ऋषि बन गए। वर्तमान में प्रभु श्रीराम का नाम जपने से ही मनुष्यों को सारे फल की प्राप्ति हो जाएगी। भगवान की आराधना के लिए स्वच्छ व पवित्र मन की जरूरत है। यह धरती स्वर्ग से भी सुंदर है। यही कारण है कि स्वर्ग के देव भी धरती पर आने को तरसते हैं।
उन्होंने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, जब आसुरी प्रवृति के लोगों का बोलबाला होत है, तब प्रभु श्रीराम का प्राकट्य होता है। भगवान का अवतार संतों, ब्राम्हणों, गोमाता व सभी श्रेष्ठ प्रवृत्ति के मनुष्यों के लिए होता है।
कथाआयोजकों ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक हो रही है तथा कथा का समापन 27 मई को होगा।