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कोरोना को मात देकर स्टॉफ नर्स ने निभाई अपनी जिम्मेदारी

locationसिवनीPublished: May 30, 2021 09:08:13 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

बिना घबराए कोरोना मरीजों के बीच रीना दे रहीं सेवा

कोरोना को मात देकर स्टॉफ नर्स ने निभाई अपनी जिम्मेदारी

कोरोना को मात देकर स्टॉफ नर्स ने निभाई अपनी जिम्मेदारी

सिवनी. जब कोरोना काल की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, तब भी कोविड वार्ड में सारे खतरों का सामना करते हुए रीना वासनिक जैसे स्वास्थकर्मी बखूबी अपनी ड्यूटी कर रहे थे। काम के दौरान खुद भी कोरोना की चपेट में आए, परिवार से दूरी बना ली और बिना घबराए, बिना किसी डर के, पूरे हौसले से इस जंग को लडकर जीत हासिल कर फिर से मरीजों की सेवा में जुट गए।
जिला चिकित्सालय में स्टॉफ नर्स रीना वासनिक विगत 11 वर्षो से अपनी सेवाएं दे रही हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर तथा वार्ड प्रभारी चिकित्सक के मार्गदर्शन एवं साथ ही वार्ड की अन्य ड्यूटीरत सिस्टर से चर्चा कर नए उत्साह के साथ कार्य को गति प्रदान की। जिसमें विशेषकर मरीजों एवं उनके परिजनों के साथ सुहानुभूति पूर्वक सकरात्मक चर्चा कर हिम्मत बंधाई गई। उनको समय पर भोजन, चाय तथा समय-समय पर चिकित्सक के प्रोटोकॉल अनुसार औषधियों, इंजेक्शन एवं ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया गया। जिससे मरीजो का तनाव कम हुआ तथा वे जल्दी से बीमारी से उभरने लगे। तथा ठीक होने के उपरांत डिस्चार्ज मरीजों की संख्या में वृद्धि होने लगी।
इस दौरान स्टाफ नर्स रीना द्वारा मरीजों के साथ सुहनुभूति पूर्वक व्यवहार करते हुए लगातार 6 घण्टे पीपीइ किट पहनकर कार्य किया। इस कठिन कार्य को उन्होंने सहजता से करते हुए अपने परिवार के साथ भी लम्बे समय से दूरी बनाई रखी। परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सारे प्रोटोकॉल का पालन किया तथा घरवालों से अलग रहकर कोविड वार्ड में सेवाए प्रदान की।
रीना ने चर्चा के दौरान बताया कि वार्ड में ड्यूटी के दौरान 13 अप्रैल 2021 को मैं कोविड पॉजिटिव हो गई थी। किंतु मैने आत्मविश्वास नही खोया तथा संयम रखते हुए 10 दिनों के भीतर कोरोना को मात दी एवं पुन: ड्यूटी पर वापिस आई। ऐसे समय में जब लोग कोविड पॉजिटिव होने के बाद ड्यूटी करने में घबरा रहे थे तब मैने धैर्य और आत्मविश्वास के साथ पूरी निष्ठा से मरीजों की देखभाल की।
रीना ने कहा कि मुझे इस बात का गर्व है, कि महामारी के दौरान सेवा करने का मौका मिला और भविष्य में भी मुझे विषम परिस्थिति में सेवा का अवसर मिले तो मंै पीछे नही हटंूगी और पूरी निष्ठा से कार्य संपादित करूंगी।

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