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इस तरह भयमुक्त, आनंदयुक्त होगी पढ़ाई

locationसिवनीPublished: Mar 28, 2019 11:30:55 am

Submitted by:

sunil vanderwar

एसएटीएच प्लान पर काम करने सभी बीआरसीसी की लगी क्लास

seoni

5000 teachers posts vacant in schools

सिवनी. शैक्षणिक व्यवस्था के सुदृणीकरण के लिए नीति आयोग के सहयोग से म.प्र. में एसएटीएच का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य जिले में शिक्षा की गुणवत्ता उन्नत करना व मुख्य शैक्षिक मैट्रिक्स के स्तर को सुधारना है। इसके लिए जिला परियोजना प्रबंधन इकाई की बैठक का आयोजन जिला शिक्षा अधिकारी जीएस बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को किया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में डाइट प्राचार्य, एडीपीसी, डीपीसी, एपीसी (अकादमिक), समस्त बीआरसीसी एवं एसएटीएच सदस्य उपस्थित हुए। एडलाइन टेस्ट व प्रतिभा पर्व का विश्लेषण कर प्रत्येक स्कूल के लिए कार्ययोजना तैयार कर ०1 अप्रैल 2019 शैक्षणिक सत्र प्रारंभ से ही बच्चों को भयमुक्त एवं आनंदयुक्त शिक्षा देने के लिए जॉयफुल लर्निंग कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है।
जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) जगदीश कुमार इड़पाचे ने बैठक में बताया गया कि बच्चे खेल-खेल में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अपनी दक्षता पूर्ण करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि शासन के निर्देशों का कडाई से पालन किया जाए। कहा कि ०1 अप्रैल को प्रत्येक शाला में बालसभा का आयोजन किया जाए, जिसमें बच्चों के पालकों को अनिवार्यत: आमंत्रित किया जाए एवं बच्चों के सकारात्मक पक्ष को पालकों के सम्मुख रखा जाए। शिक्षकों को जॉयफुल लर्निंग की गतिविधियों की प्रतिलिपी एवं एसडी कार्ड में ई-कण्टेण्ट उपलब्ध कराया जाए। विमर्श पोर्टल में शतप्रतिशत शिक्षको का पंजीयन कराते हुए विद्यालय में की जा रही गतिविधियों के वीडियो भी अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा निर्देश देते कहा गया कि 30 अप्रैल को कक्षा 1 से 8 तक के परीक्षा परिणाम घोषित किया जाए। कक्षा 1 में प्रवेश के लिए ०5 वर्ष पूर्ण करने वाले बच्चों की सूची आंगनबाडी केन्द्र एवं पालकों से सम्पर्क कर ०1 अप्रैल को शत-प्रतिशत नामांकन पूर्ण किया जाए। 5वीं उत्तीर्ण बच्चों की सूची निकटतम माध्यमिक शाला में उपलब्ध कराई जाए। इसी प्रकार कक्षा 8वीं उत्तीर्ण छात्रों की सूची निकटतम हाई व हायरसेकेण्डरी शाला में उपलब्ध कराई जाए। जिससे शत-प्रतिशत बच्चों का नामाकंन सुनिश्चित हो सके। कोई भी बच्चा शाला से बाहर ना रहे। कहा कि ०1 अप्रैल से जॉयफुल लर्निंग की गतिविधियों का सघनरूप से अवलोकन किया जाए एवं आवश्यक अकादमिक सहयोग प्रदान करने के लिए अवलोकनकर्ता अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
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