script6 महीने से स्कूल से गायब शिक्षक को किया सस्पेंड | Suspended teacher missing from school suspended for 6 months | Patrika News

6 महीने से स्कूल से गायब शिक्षक को किया सस्पेंड

locationसिवनीPublished: Sep 14, 2019 12:05:55 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

बीआरसीसी की रिपोर्ट पर सहायक आयुक्त ने की कार्रवाई

6 महीने से स्कूल से गायब शिक्षक को किया सस्पेंड

6 महीने से स्कूल से गायब शिक्षक को किया सस्पेंड

सिवनी. जनपद शिक्षा केन्द्र छपारा के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला खैरनारा में पदस्थ शिक्षक कुंदनलाल मर्सकोले पिछले 6 माह से अपने स्कूल नहीं आ रहे हैं, जिन्हें विभागीय प्रक्रिया पूर्ण करते हुए सहायक आयुक्त द्वारा निलम्बित कर दिया गया है।
छपारा बीआरसीसी गोविंद उइके ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई थी, कि शिक्षक बीते कई महीनों से स्कूल नहीं जा रहे हैं, इस मामले में ग्रामीणों के द्वारा सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की गई थी। बीआरसीसी की मीटिंग में भी शिक्षक मर्सकोले नदारद पाए गए थे। जिसके बाद उन्होंने शिक्षक को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था, लेकिन शिक्षक के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। जिस पर बीआरसीसी के द्वारा लापरवाह शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नोट शीट बनाकर सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम को भेजा गया था।
जिस पर सहायक आयुक्त ने गुरुवार को कार्यवाही करते हुए सहायक अध्यापक को निलंबित करने का आदेश जारी किया है। निलंबन अवधि तक के लिए विकासखंड कुरई में संलग्न कर दिया गया है। इस कार्यवाही के बाद लापरवाह शिक्षकों में हड़कम्प मची हुई है। विभागीय अमला बताता है कि ऐसे कई लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट आने वाले दिनों में और भी भेजी जा सकती है। हालांकि काफी समय बाद लापरवाह शिक्षक पर कार्रवाई की गई है।
शिक्षा के मंदिर में ऐसे-ऐसे लोग –
शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालयों में बीते कुछ वर्षों में ऐसे-ऐसे शिक्षक गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं, जो अपने पद व नाम की गरिमा को प्रभावित करते हैं। वरिष्ठ शिक्षक भी मानते हैं कि शिक्षकों को गरिमा के अनुरूप आचरण करना चाहिए, लेकिन कुछ लोग इसे सिर्फ पेशा मान बैठे हैं, उन्हें न तो विद्यार्थियों के भविष्य और न ही अपने पद और प्रतिष्ठा की चिंता है। स्कूलों से शिक्षकों की गैरहाजिरी तो कोई नई बात नहीं है। इससे एक कदम आगे भी जिले में शिक्षक अपनी हरकत कर चुके हैं। पूर्व में कोई शराब के नशे में तो जुआ खेलते और कोई छेड़छाड़ जैसे मामले में लिप्त भी पाए जा चुके हैं। ऐसे लोगों के कारण अन्य शिक्षकों के मन को भी दुख होता है।
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