लोक शिक्षण मप्र के आयुक्त नीरज दुबे के जारी आदेश का हवाला देते जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्यों से कहा है कि छात्र-छात्राओं को विद्यालय में स्वाइन फ्लू के बारे में जागरूक करें, जिससे वे न सिर्फ स्वयं अपना बचाव कर सकें बल्कि अपने परिवार एवं आस-पड़ोस में भी इसके प्रति जागरूकता पैदा कर सकेंगे। ऐसे व्यक्ति जो सर्दी, खांसी, बुखार से पीडि़त हैं उनसे थोड़ा दूर रहें और उनसे संपर्क के उपरांत हाथ साबुन से धोएं। यदि ऐसे किसी पीडि़त व्यक्ति की जानकारी विद्यार्थियों के माध्यम से प्राप्त होती है तो संस्था प्रमुख उससे स्थानीय चिकित्सा अधिकारी को अवश्य अवगत कराएं।
देरी हुई तो बढ़ेगी समस्या –
प्रारंभिक अवस्था में स्वाइन फ्लू को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए इसमें घबराना नहीं चाहिए, बल्कि नजदीक के अस्पताल में उपचार लेना चाहिए। प्राचार्यों को कहा गया है कि वे इस आवश्यक जानकारी से छात्र-छात्राओं को अवगत कराएं और यदि कोई इस प्रकार से पीडि़त है तो उसे घर पर रहने की ही सलाह दी जाए। शासकीय अस्पतालों से डॉक्टर को विद्यालय में बुलाकर छात्र-छात्राओं को जागरूकता के लिए जानकारी दिए जाने को कहा गया है।