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सिवनी

स्वाइन फ्लू पर स्कूलों में अलर्ट, भोपाल से निर्देश जारी

प्राचार्यों को निर्देश जारी, लक्षण दिखने पर बुलाएंगे डॉक्टर

सिवनीSep 13, 2017 / 12:37 pm

sunil vanderwar

swine flu

कोटा. हाड़ौती में स्क्रब टायफस, डेंगू व स्वाइन फ्लू कहर बरपा रहा है। मंगलवार को 3 की मौत हो गई है।

सिवनी. प्रदेश में कई स्थानों के साथ ही सिवनी जिले के छपारा व अन्य स्थानों से स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं। इस स्थिति को देखते हुए विद्यालयों में भी अलर्ट जारी किया गया है। लोक शिक्षण आयुक्त के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी, सभी हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय प्राचार्यों को इसके लिए विशेष निर्देश देकर सतत निगरानी रखने व विद्यार्थियों को अवगत कराने को कहा गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने प्राचार्यों को स्वाइन फ्लू के सम्बंध में जानकारी देते कहा कि यह मौसम आधारित संक्रमण से फैलता है और यदि बीमारी के लक्षण दिखते ही इसका उपचार प्रारंभ कर दिया जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है अन्यथा घातक हो सकता है। प्रारंभ में सर्दी, खांसी, बुखार, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ आदि लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में सम्बंधित को बिना देर किए नजदीक के शासकीय अस्पताल में दिखाना चाहिए एवं डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार उपचार लेना चाहिए।
लोक शिक्षण मप्र के आयुक्त नीरज दुबे के जारी आदेश का हवाला देते जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्यों से कहा है कि छात्र-छात्राओं को विद्यालय में स्वाइन फ्लू के बारे में जागरूक करें, जिससे वे न सिर्फ स्वयं अपना बचाव कर सकें बल्कि अपने परिवार एवं आस-पड़ोस में भी इसके प्रति जागरूकता पैदा कर सकेंगे। ऐसे व्यक्ति जो सर्दी, खांसी, बुखार से पीडि़त हैं उनसे थोड़ा दूर रहें और उनसे संपर्क के उपरांत हाथ साबुन से धोएं। यदि ऐसे किसी पीडि़त व्यक्ति की जानकारी विद्यार्थियों के माध्यम से प्राप्त होती है तो संस्था प्रमुख उससे स्थानीय चिकित्सा अधिकारी को अवश्य अवगत कराएं।
देरी हुई तो बढ़ेगी समस्या –
प्रारंभिक अवस्था में स्वाइन फ्लू को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए इसमें घबराना नहीं चाहिए, बल्कि नजदीक के अस्पताल में उपचार लेना चाहिए। प्राचार्यों को कहा गया है कि वे इस आवश्यक जानकारी से छात्र-छात्राओं को अवगत कराएं और यदि कोई इस प्रकार से पीडि़त है तो उसे घर पर रहने की ही सलाह दी जाए। शासकीय अस्पतालों से डॉक्टर को विद्यालय में बुलाकर छात्र-छात्राओं को जागरूकता के लिए जानकारी दिए जाने को कहा गया है।
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