सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने में जुटे शिक्षक, समाजसेवी लोग
सिवनी. शिक्षकों व सेवाभावी नागरिकों के सहयोग से घंसौर क्षेत्र के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था व शिक्षा में बदलाव नजर आ रहा है। शिक्षकों के साथ-साथ समाजसेवी भी बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने आगे आ रहे हैं। घंसौर बीआरसी मनीष मिश्रा कहते हैं यह कार्य कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच के निर्देशन एवं प्रोत्साहन से हो रहा है। बताया कि जिला पंचायत सीइओ सुनील दुबे, सहायक कलेक्टर व घंसौर एसडीएम श्यामवीर सिंह, सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम, डीइओ गोपाल सिंह बघेल, डीपीसी जगदीश इरपाचे के मार्गदर्शन पर जिले के दूरस्थ आदिवासी अंचल घंसौर में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की मुहिम चल रही है। बीआरसीसी मिश्रा ने बताया कि मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी में शिक्षकों ने सबसे पहले विद्यालय भवन व परिसर की स्वच्छता को अभियान बनाया और टाइम टेबिल बनाकर स्वच्छता में सहयोगी बनने के दिन निर्धारित किए। इससे सभी विद्यार्थी व ग्रामवासी भी स्वच्छता के लिए प्रेरित हुए। इसके अलावा समाजसेवी नागरिक स्मार्ट क्लास के लिए सहयोग प्रदान कर रहे हैं। इसी क्रम में नारायण पटेल ने प्राथमिक शाला झिंझरई में एक एलईडी टीवी, माध्यमिक शाला झिंझरई में एक एलईडी टीवी उपलब्ध कराई है। शिक्षक पंत लाल मर्रापा व चंद्र विजय यादव ने प्राथमिक शाला साल्हेपानी में एक एलईडी स्वयं के व्यय पर बच्चों को उपलब्ध कराई गई है। बीआरसी मिश्रा ने बताया कि एक माह पूर्व कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा की गई समीक्षा बैठक में घंसौर विकासखंड में मात्र 6 स्मार्ट क्लास संचालित हो रही थी, अब संख्या बढ़कर 11 हो गई है यह कार्य निरंतर किया जा रहा है। कहा कि आमजनों व शिक्षकों के सहयोग से क्षेत्र के अन्य शालाओं मेें भी स्मार्ट क्लास शुरु करने के प्रयास हो रहे हैं। बताया कि प्राथमिक शाला घंसौर की शिक्षिका नीरजा श्रीवास्तव व अंजू दीक्षित ने एवं माध्यमिक शाला डोला में पीआर लखेरा, मीना उइके ने, प्राथमिक शाला सुक्कुम में मन्नू लाल उइके द्वारा स्वयं के व्यय पर बच्चों को डेक्स-बेंच उपलब्ध कराई गई है। माध्यमिक शाला पनारझिर के प्रधान पाठक द्वारा स्वयं के व्यय पर दरवाजे खिड़की का कार्य कराया गया। नबीन कन्या माध्यमिक शाला के शिक्षक प्रवीण श्रीवास्तव व छोटे यादव ने जीर्ण-शीर्ण शौचालय का मरम्मत कार्य कराया व पानी की टंकी लगवाई है। इसी तरह माध्यमिक शाला निचली में शिक्षिका रश्मि नामदेव द्वारा स्वेटर वितरित कराई गई, प्राथमिक शाला बन्दम में हुकुम यादव सरिता यादव द्वारा, प्राथमिक शाला डूंडा में नरेश मरावी व सहयोगी शिक्षक द्वारा जूते-मोजे उपलब्ध कराए गए। भलीबाड़ा में साहब लाल उइके द्वारा, लुटमरा में मंगल पन्द्रे द्वारा, डुंगरिया में कृष्ण कुमार कोसले द्वारा, सहजपुरी में शेख मंसूरी द्वारा, घोटखेड़ा में उमाशंकर तिवारी व बालक शाला में बसंत बरकड़े द्वारा, प्राथमिक शाला कूदोठार में शिक्षक अरविंद रजक व राजेन्द्र ककोडिया द्वारा, कहानी में सेलेन्द्र गुमास्ता द्वारा, रूपदोन माल, साल्हेपानी, गुगलै, अहीर टोला, बाजगोन्धी समेत लगभग 230 स्कूलों में शिक्षकों द्वारा स्वयं के व्यय पर बच्चों को स्वेटर व ऊनी केप उपलब्ध कराए गए हैं।
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