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स्व-प्रेरणा से शाला परिसर की सफाई करने वाले शिक्षक, विद्यार्थी होंगे सम्मानित

locationसिवनीPublished: Sep 19, 2019 09:06:57 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

शालेय स्वच्छता कार्यक्रम मेरी शाला, मेरी जिम्मेदारी

स्व-प्रेरणा से शाला परिसर की सफाई करने वाले शिक्षक, विद्यार्थी होंगे सम्मानित

स्व-प्रेरणा से शाला परिसर की सफाई करने वाले शिक्षक, विद्यार्थी होंगे सम्मानित

सिवनी. मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी के तहत जिले की शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं, कार्यालयोंं में कर्मियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों द्वारा स्व-प्रेरणा से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्य में भागीदार बन रहे शिक्षक, कर्मी व विद्यार्थी आगामी दिनों में सम्मानित किए जाने की तैयारी हो रही है। इस सम्बंध में संभागायुक्त राजेश बहुगुणा द्वारा समीक्षा कर निर्देशित किया गया है।
संभागायुक्त ने कहा है कि जिले की उन सभी शालाओं के शिक्षकों और विद्यार्थियों को गांधी जयंती पर दो अक्टूबर से पन्द्रह अक्टूबर के बीच सम्मानित किया जा सकता है, जो अपने शाला परिसर की साफ.-सफाई की जिम्मेदारी स्वयं संभाल रहे हैं। इन शालाओं के सम्मान के कार्यक्रम स्थानीय जनसमुदाय की भागीदारी से आयोजित किए जाने हैं। समुदाय द्वारा सम्मानित किए जाने से इन्हें अलग पहचान मिलेगी, इनका हौसला बढ़ेगा और दूसरी शालाएंं भी उनसे प्रेरणा लेंगी।
कहा कि जिस तरह जिले के विभिन्न विकासखण्ड के स्कूलों के शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने स्वयंसेवी रूप से शाला परिसर के साथ-साथ शाला के शौचालय की साफ.-सफाई का कार्य कर जो मिसाल पेश की है उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। लेकिन इसके साथ ही उनके इस कार्य को पहचान मिलनी चाहिए तथा समुदाय द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जाना चाहिए। इन स्कूलों को इनके इस पवित्र कार्य में सहयोग करना प्रशासन का भी दायित्व है। उन्होंने शिक्षकों और बच्चों के सम्मान के कार्यक्रमों में इन स्कूलों को स्वच्छता किट प्रदान किए जाने का सुझाव दिया है।
बहुगुणा ने पिछले दिनों संभागीय मुख्यालय जबलपुर में बैठक के दौरान शालेय स्वच्छता कार्यक्रम मेरी शाला, मेरी जिम्मेदारी को अपनाने वाली स्कूलों के शौचालयों को स्मार्ट टायलेट का स्वरूप देने तथा उनके रखरखाव के लिए पंच परमेश्वर योजना के प्रावधानों के तहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए हैं। संभागायुक्त ने कहा कि ऐसी शालाओं को नल-जल योजनाओं से नल कनेक्शन देने में भी प्राथमिकता दी जाएगी जहां के शिक्षक और बच्चे खुद अपने हाथों से शाला परिसर और शौचालयों की सफाई कर रहे हैं।
संभागायुक्त ने शालेय स्वच्छता कार्यक्रम को और गति देने की आवश्यकता भी बताई। बहुगुणा ने इस कार्यक्रम से जनसमुदाय को जोडऩे पर भी बल दिया। बताया गया कि संभाग भर में शुरू किए गए शालेय स्वच्छता कार्यक्रम मेरी शाला, मेरी जिम्मेदारी के तहत ऐसे स्कूलों को चिन्हित और सत्यापित किया गया है जहां शिक्षकों की अगुवाई में स्कूल लगने के पहले छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिदिन शाला परिसर एवं शौचालयों की साफ.-सफाई की जाती है।

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