सिवनी

१०वीं में किस तारीख को लिया प्रवेश बताओ, तब मिलेगा असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में बैठने का मौका

– तीन हजार असिस्टेंट प्रोफेसर की निकली भर्ती में पीएससी ने मांगी ऐसी जानकारी बगलें झांक रहे अभ्यर्थी

सिवनीFeb 03, 2018 / 11:26 am

mahendra baghel

सिवनी. सूबे में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए आवेदन करने वालों को १०वीं व १२वीं में किस तारीख को प्रवेश और कब टीसी लिया बताना है। २१ वर्ष की आयु के बाद एक वर्ष से अधिक समय तक वें कहां-कहां रहे। विदेश में रहे तो कब और कहा तथा दो पड़ोसियों के नाम आदि की जानकारी देनी है। पीएससी द्वारा मांगी गई उक्त जानकारियों से आवेदकों के पसीने छूटने लगे हैं।
मध्यप्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए तीन हजार पद पर पीएससी ने अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे हैं। अनुमान है कि उक्त पद के लिए करीब एक लाख आवेदन आएंगे। इस पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि १४ फरवरी है। २५ फरवरी तक करेक्शन होंगे। लेकिन पीएससी द्वारा मांगी गई जानकारियां ऐसी है कि उसे जुटाने में आवेदन करने वालों के पसीने छूट रहे हैं। आवेदकों का कहना है कि पीएससी द्वारा मांगी जाने वाली उक्त जानकारियों में अधिकांश औचित्यहीन है। १०वीं व १२वीं में किस तारिख को प्रवेश लिया इसके लिए आवेदक को जहां से स्कूली शिक्षा ग्रहण किया है, वहां जाना जाना पड़ रहा है। कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो करीब २५ साल या उससे अधिक समय पहले १०वीं पास किए हैं। ओल्ड मैट्रिक वाले १२वीं के कॉलम में क्या डालें यह समझ में नहीं आ रहा है। यदि आवेदक किसी दूसरे शहर में रहकर नौकरी कर रहा है तो उसे पुराने जगह से जानकारी जुटाने में सबसे अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आवेदक को जानकारियों से संबंधित करीब छह पेज का फार्म भरना पड़ रहा है।
पूर्व में उक्त पद के लिए आवेदन कर चुके पीजी कॉलेज के अतिथि विद्वान डॉ. आशुतोष गौर, कामाक्षा बिसेन, डॉ. टीपी सागर, डॉ. संदीप शुक्ला ने बताया कि पहली बार ऐसी जानकारी मांगी जा रही है। इसमें कई ऐसी जानकारियां है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। पूर्व में किए गए आवेदन में केवल एक पेज का फार्म था। इस बार छह पेज का है।
परेशान नजर आ रहे है आवेदक
पीएससी द्वारा मांगी गई जानकारी से आवेदक परेशान नजर आ रहे हैं। हॉयर सेकेण्डरी किसी दूसरे शहर में करने के बाद कहीं और रहने वाले को किस तिथि को प्रवेश लिया था। इसकी जानकारी जुटाने में दिक्कत हो रही है। इस जानकारी का कोई औचित्य नहीं है।
– डॉ. सतीश चिले, प्राचार्य पीजी कॉलेज सिवनी
जो जरुरी जानकारी हो वहीं मांगे आयोग
आयोग ने जो जानकारी मांगी है। इसका कोई व्यवहारिक उपयोग नहीं है। नियमित पढ़ाई नहीं करने वाले आवेदक बहुत परेशान है। नियमित पढऩे वाले भी जानकारी जुटाने में परेशान है। आयोग को जो जानकारी जरुरी हो वहीं मांगनी चाहिए।
– सत्येंद्र शेंडे, असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी विभाग पीजी कॉलेज
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