आतंकवाद बन गया है विश्वव्यापी समस्या, निदान पर हुई चर्चा
सिवनीPublished: Sep 20, 2019 09:20:32 pm
व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम में वक्ताओं ने रखी अपनी बात
सिवनी. व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम के दौरान आतंकवाद विषय पर पीजी कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी के अवसर पर राजनीति विभाग के सहायक प्राध्यापक सुरेश बाटड़ ने कहा आतंकवाद वर्तमान समय में भयंकर विश्वव्यापी समस्या बन गया है। यह समस्या न केवल भारत में ही अपनी पकड़ मजबूत किए हुए है बल्कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। आतंकवाद भारत की प्रमुख सबसे बड़ी समस्या है, जिसने भारतीय शासन व्यवस्था को जर्जर कर दिया है। आतंकवाद ने भारत की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक आदि परिस्थितियों को प्रभावित किया है। इसे दूर करना अत्यधिक आवश्यक है।
हिन्दी विभाग के प्राध्यापक सतेन्द्र शेण्डे ने कहा आतंकवाद शब्द का तात्पर्य भय एवं चिंता की स्थिति। इसका उद्देश्य है हिंसा द्वारा जनता में आतंक फैलाकर अपनी शक्ति प्रदर्शित करना। भारत में ही नहीं अपितु आज विश्व स्तर पर आतंकवाद की समस्या प्रमुख है। भारत में यह भयंकर रूप धारण किए हुए है।
प्राचार्य सतीश चिले ने कहा कि आतंकवाद की प्रवृत्ति मनुष्य एवं पशुओं में जन्मजात होती है और जब हम इसका चिंतन करते है तो परिणाम भी यही निकलता है कि जब समाज किसी व्यक्ति को उपेक्षित करता है तो उसका परिणाम आतंकवाद के रूप में सामने आता है। जैसे वैनगंगा नदी के तट पर घूमने वाले बंदरो पर मैंने शोध करने पर यह निष्कर्ष निकाला कि पशुओं में भी अनेक गुट होते हंै और जब उन्हें उपेक्षित किया जाता है तो वह जो हरकत करते हैं वह आतंकवाद की श्रेणी में आती है।
प्रो. रविशंकर नाग ने कहा वर्तमान समय में आतंकवाद के कारण विस्फोटक स्थिति उत्पन्न हो रही है जिसके कारण प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है। आतंकवाद की समस्या को हल किया जा सकता है, आवश्यकता इस बात की है कि प्रशासन को सद्भावना एवं सहिष्णुता की भावना को अपनाना होगा, क्षेत्रीय असमानता को दूर करना होगा, बेरोजगारी को दूर करना होगा।
इस अवसर पर पुस्तक का महत्व बताते हुए आदित्य बघेल ने भी अनेक ग्रन्थों का उल्लेख किया और किन कारणों से आतंकवाद की उत्पत्ति होती है, इस पर प्रकाश डाला। आयोजन में उद्यमिता प्रमुख दयाराम डहेरिया, ओमप्रकाश जैन सहित छात्र-छात्राओं ने भी अपनी बात रखी।