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सिवनी

नोट बंदी पर कांग्रेसियों का हल्ला बोल

नोटबंदी के खिलाफ शनिवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा गया।

सिवनीJan 07, 2017 / 07:16 pm

Prashant Sahare

seoni

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सिवनी. नगर के कचहेरी चौक में शनिवार को कांग्रेस द्वारा केन्द्र मोदी सरकार की नोटबंदी के खिलाफ शनिवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा गया। हांलकि ज्ञापन सौंपने के दौरान कुछ हंगामे की स्थिति तब बन गई जब कलेक्टर परिसर के बाहर का गेट एक पुलिस कर्मी के द्वारा खोल दिए जाने से नारेबाजी करते प्रदर्शन कारी भीतर तक घुस आए। इसे लेकर अधिकारियों ने पुलिस को डांट पिलाई जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को बाहर लाया गया।
प्रधानमंत्री ने एक प्रतिशत कालाधन धारकों को पकड़ऩे के लिए 99 प्रतिशत ईमानदार, मेहनतकश भारतियों को मुसीबतों में खड़ा कर दिया है। देश में तरक्की का पहिया जाम हो गया और देश में आर्थिक अराजकता का वातावरण निर्मित हो चुका है। नोटबंदी से भारत के किसानों, मजदूरों, दुकानदारों, मध्यम वर्ग के छोटे-छोटे कारोबारियों पर बहुत बड़ा कुठाराघात हुआ है। देश में कालाबाजारियों का धंधा फलफूल रहा है, मोदी सरकार एवं आरबीआई द्वारा 50 दिनो में 135 बार नियमों में बदलाव कर सरकार तथा आरबीआई ने देश को भ्रमित करने का कार्य किया है। कांग्रेस ने सौंपे ज्ञापन में कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा 24 हजार की लिमिट को आज दिनांक तक नहीं बढ़ाया जिसके कारण छोटे-छोटे उद्योग धंधे, किसान तथा मजदूर तवाही के कगार पर पहुंच गए हैं।
इस बात को लेकर कांग्रेसी मांग करते है कि बैंक से पैसे निकालने की पाबंदी हटाई जाए और आठ नवम्बर से रुपए निकालने की तारीख तक सभी खाता धारकों को 18 प्रतिशत ब्याज दिया जाए साथ ही कैशलेस लेन-देन पर कमीशन बंद किया जाए। भोजन के अधिकार के तहत किए जाने वाले राशन की कीमत एक साल के लिए आधी की जाए। किसानों को रबी की फसलों में 20 प्रतिशत बोनस दिया जाए, ताकि नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई हो सके। नोटबंदी से महिलाओं को सबसे ज्यादा चोट पहुंची है। पार्टी ने मांग की है कि कम से कम बीपीएल परिवार की महिला के खाते में 25 हजार रुपए जमा कराए जाए। एक साल के लिए मनरेगा मजदूरों के काम के दिन और मजदूरी दुगनी की जाए। छोटों दुकानदारों व उद्योग को इनकम टैक्स व सेलटैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दी जाए।
स्थानीय समस्याएं-
स्थानीय मुद्दों से परहेज करने के आरोप झेलती रही पार्टी ने नोटबंदी के अलावा अपने ज्ञापन में स्थानीय समस्याओं का भी जिक्र किया है। मोहगांव से लेकर खवासा तक की एनएच-7 मार्ग पूरी तरह से खराब हो चुकी है। मार्ग का कार्य शीघ्र कराया जाए। सरकार द्वारा संभाग के लिए जो आपत्तियां की गई है उनका शीघ्र निराकरण किया जाए। मुख्यमंत्री द्वारा सिवनी में मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा की गई थी। घोषणा आज तक लंबित है। सिवनी में शीघ्र केन्द्रीय स्तर का मेडिकल कालेज खोला जाए। जिला कृषा प्रधान है इसलिए कृषि विद्यालय खोला जाए। किसानों को 2014-15 की छति का मुआवजा दिया जाए। पेंच परियोजना नहर बनाने में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए। सिवनी की माडल रोड की जांच कराई जाए। रेलवे का काम जल्द से जल्द पूर्ण किया जाए। जिले में इंजिनियेरिंग कालेज खोला जाए इन सभी मांगो को लेकर राष्ट्रपति से मांग की गई है।
इस आंदोलन में कांग्रेस के केवलारी विधायक रजनीश सिंह, नरेश मरावी, इमरान पटेल, राजिक अकील, जेपीएस तिवारी, इमरान पटेल, राजा बघेल, पप्पू खुराना, अतुल मालू, आनंद पंजवानी, शाहिद खांन, बाबू भालोटिया सहित कांग्रेसी उपस्थित रहे।
कुछ देर के लिए मची अफरा-तफरी
कांग्रेसी जब ज्ञापन सौंपने के लिए कलेक्ट्रेट की ओर गए तो सुरक्षा में तैनात एक पुलिस कर्मी ने गेट खोल दिया जिससे सभी युवा कांग्रेसी भीतर चले गए। नारे लगाते कांग्रेसियों को भीतर घुसते देख तहसीलदार क्षमा सराफ बाहर आईं और पुलिसकर्मियों को गेट खोलने पर सवाल किए। जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेसियों को बाहर निकाला।
जिसके बाद गेट के बाहर ही ज्ञापन सौंपा गया।
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