तबादलों का खात्मा, कितनी हकीकत, कितना फसाना
सिवनीPublished: Sep 22, 2018 12:07:37 pm
जिला पंचायत से १० तबादलों के रद्द होने की खबर की पड़ताल
तबादलों का खात्मा, कितनी हकीकत, कितना फसाना
सिवनी. जिला पंचायत सीइओ स्वरोचिष सोमवंशी के आदेश से बीते कुछ महीनों में बड़ी तादाद में अध्यापकों, सहायक अध्यापकों के तबादले आदिवासी विकास विभाग से शिक्षा विभाग में हुए हैं। इन तबादलों को नियम विरुद्ध बताते हुए आपत्ति लगी और खबरें भोपाल स्तर तक पहुंचीं, तो उच्च स्तर से जांच शुरु हो गई। अब इस मामले में पूर्व के कुछ तबादलों के प्रकरण रद्द किए जाने की पुष्टि खुद जिला शिक्षा अधिकारी एसपी लाल कर रहे हैं। हालांकि वे खुद भी इस प्रकरण से बचते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चतुर्वेदी के द्वारा इस प्रकरण को लेकर भोपाल में मुख्यमंत्री, सम्बंधित मंत्री, जबलपुर कमिश्नर व अन्य को शिकायत की गई थी। जिसके बाद खबर सामने आई कि जिला पंचायत सीइओ के द्वारा किए गए १० तबादलों को निरस्त कर दिया गया है। वहीं यह भी चर्चा है कि निरस्त आदेश की सूचना सम्बंधित शिक्षकों तक अब भी नहीं पहुंची है। ये शिक्षक नवीन संस्थाओं में ही सेवारत हैं।
हमने नहीं दिया कोई अभिमत –
जिला पंचायत सीइओ के आदेश पर जितने भी अध्यापकों को आदिवासी क्षेत्र से शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित स्कूलों में या यहां से वहां तबादला किया गया है। उनके आदेश पत्र में जिला शिक्षा अधिकारी के अभिमत अथवा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के अभिमत को आधार बताया है। अब प्रकरण में जांच शुरु होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी एसपी लाल का कहना है कि उनके द्वारा कोई अभिमत नहीं दिया गया था। यानि उन्होंने जिला पंचायत सीइओ के आदेश को स्वयं ही सवालों के घेरे में ला दिया है। इस प्रकरण में यह तो तय है कि निष्पक्ष जांच होने पर कई अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है।
लगाई गई थी आपत्ति, ठण्डे बस्ते में मामला –
शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल पांडियाछपारा के प्राचार्य एसएस कुमरे के द्वारा अपने विद्यालय से पीटीआई (खेल शिक्षक) के तबादले को नियम विरुद्ध बताते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को लिखित में आपत्ति दर्ज की गई थी। इसके बावजूद उस पर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई। बताया जा रहा है कि खेल शिक्षक का तबादला ऐसी संस्था में कर दिया गया था, जहां यह पद स्वीकृत ही नहीं है। इसके बावजूद जिला पंचायत से उसका स्थानांतरण आदेश पत्र जारी कर दिया गया। आज भी उक्त प्रकरण पर कार्रवाई ठण्डे बस्ते में है।