आरटीई से स्कूलों में पहला स्थान
डीपीसी जेके इड़पाचे ने बताया कि एक से आठ तक शासकीय शालाओं में बच्चों को प्रवेश कराने में सिवनी का १४वां स्थान है। जबकि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के माध्यम से जिले के प्राइवेट स्कूलों में पहला स्थान है। इस तरह शासकीय व प्राइवेट स्कूल के कुल नामांकन के मामले में सिवनी ने प्रदेश में तीसरा स्थान पाया है।
डीपीसी जेके इड़पाचे ने बताया कि एक से आठ तक शासकीय शालाओं में बच्चों को प्रवेश कराने में सिवनी का १४वां स्थान है। जबकि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के माध्यम से जिले के प्राइवेट स्कूलों में पहला स्थान है। इस तरह शासकीय व प्राइवेट स्कूल के कुल नामांकन के मामले में सिवनी ने प्रदेश में तीसरा स्थान पाया है।
सफल परिणाम हुए प्राप्त
जिला शिक्षा केन्द्र में कार्यरत एपीसी रेवेन्द्र ठाकुर ने बताया कि कुल नामांकन के मामले में अब तक प्रथम स्थान पर अनूपपुर, दूसरे स्थान पर डिंडौरी एवं तीसरे स्थान पर सिवनी जिला है। जनपद शिक्षा केन्द्र सिवनी के एपीसी अरूण राय ने बताया कि जिला स्तर से लगातार प्रवेश के लिए अमले को प्रोत्साहित किया जाता रहा। साथ ही प्राइवेट स्कूल संचालकों को भी प्रवेश की ऑनलाइन प्रक्रिया को सरलता से पूर्ण करने का प्रशिक्षण दिया गया, जिसके सफल परिणाम प्राप्त हुए।
जिला शिक्षा केन्द्र में कार्यरत एपीसी रेवेन्द्र ठाकुर ने बताया कि कुल नामांकन के मामले में अब तक प्रथम स्थान पर अनूपपुर, दूसरे स्थान पर डिंडौरी एवं तीसरे स्थान पर सिवनी जिला है। जनपद शिक्षा केन्द्र सिवनी के एपीसी अरूण राय ने बताया कि जिला स्तर से लगातार प्रवेश के लिए अमले को प्रोत्साहित किया जाता रहा। साथ ही प्राइवेट स्कूल संचालकों को भी प्रवेश की ऑनलाइन प्रक्रिया को सरलता से पूर्ण करने का प्रशिक्षण दिया गया, जिसके सफल परिणाम प्राप्त हुए।
फीस की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था करती है शासन
एपीसी चुनेन्द्र बिसेन ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में कक्षा 1 में अथवा प्री स्कूल, नर्सरी, केजी 1, केजी 2 की शिक्षा से प्रारंभ होने वाले प्रायवेट स्कूलों की प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश देने के शासन के निर्देश हैं। इन बच्चों के फीस की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था शासन करती है।
एपीसी चुनेन्द्र बिसेन ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में कक्षा 1 में अथवा प्री स्कूल, नर्सरी, केजी 1, केजी 2 की शिक्षा से प्रारंभ होने वाले प्रायवेट स्कूलों की प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश देने के शासन के निर्देश हैं। इन बच्चों के फीस की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था शासन करती है।