ढाई साल पहले लॉकडाउन के दौरान परिवार से बिछड़ा एक व्यक्ति बीते सात माह से छपारा विकासखंड के चमारी गांव में रह रहा था। बेसुध सडक़ों पर घूम रहे अनिल केवट की जानकारी जुटा कर चमारी के युवक महेंद्र विश्वकर्मा ने इंसानियत की अनूठी मिसाल पेश करते हुए काफी प्रयास के बाद सैकड़ों किलोमीटर दूर बसे परिवार को खोजकर पत्नी और बेटी से मिलवा दिया है।
अनिल मूलत: छत्तीसगढ़ प्रदेश के दुर्ग जिले के अंजोरा कस्बे का रहने वाला है। परिवार के मुताबिक साल 2020 में अनिल नागपुर गया था, जहां से अचानक वह लापता हो गया था। काफी तलाश के बाद जब अनिल नहीं मिला तो अंजोरा चौकी पुलिस में परिवार ने अनिल की गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ढाई साल से तलाश कर रहे पुलिस और परिवार को अनिल के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, लेकिन चमारी के महेंद्र विश्वकर्मा ने अनिल के परिवार को इंटरनेट मीडिया की मदद से आखिरकार खोज निकाला। ग्रामीणों द्वारा महेंद्र द्वारा किए गए प्रयासों की जमकर सराहना की जा रही है।
महेंद्र ने बताया कि चमारी की सडक़ों पर घूम रहे अनिल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। चमारी गांव में सात माह से एक व्यक्ति दिनभर सडक़ में घूमता दिखाई देता था और शमशान के आसपास सोकर रात गुजार रहा था। वह लोगों से बहुत कम बात करता था। इसके बाद महेंद्र ने मानसिक रूप से कमजोर अनिल से बात करने की कोशिश की। काफी प्रयासों के बाद व्यक्ति ने अपना नाम अनिल केवट निषाद बताया।
धीरे-धीरे बातचीत के जरिए महेंद्र ने अनिल से उसके परिवार के बारे में जानकारी हासिल की। तब अनिल ने अपनी पत्नी, बेटी और गांव के बारे में बताया। इंटरनेट के माध्यम से छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस से महेंद्र से संपर्क कर अंजोरा पुलिस चौकी इंचार्ज का नंबर हासिल किया। चौकी इंचार्ज से संपर्क नहीं होने पर महेंद्र ने पुलिस कंट्रोल रूम से संपर्क कर परिवार का पता लगा लिया। इसके बाद परिवार से संपर्क करने के बाद दो दिन पहले अनिल का परिवार छपारा के चमारी गांव पहुंचा।