कथा सुनने से होती है मोक्ष की प्राप्ति
सिवनीPublished: Feb 02, 2019 11:30:57 am
ग्राम देवरीकला में हो रही नर्मदा पुराण
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सिवनी. विकासखंड छपारा के अंतर्गत ग्राम देवरीकला में ग्रामवासियों के सहयोग से नर्मदा पुराण कथा का आयोजन चल रहा है। कथा वाचन पंडित इन्द्रकुमार शास्त्री के द्वारा किया जा रहा है। मां नर्मदा की महिमा का वर्णन करते महाराज ने कहा कि जो पुण्य गंगा नदी में नहाने से मिलता है वही पुण्य मां नर्मदा को देखने से मिल जाता है। मां नर्मदा का कंकर कंकर शंकर है, इससे ज्यादा क्या महिमा कही जा सकती है किसी नदी की।
कहा कि मां नर्मदा के कोई भी पत्थर जो शिवलिंग नुमा हो उसको प्राण प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता नहीं है, उसमे भगवान शिव विद्यमान हैं। उसकी सीधे ही पूजा प्रारम्भ कर सकते है। भगवान शिव की कृपा के लिए सारे सन्यासी मां नर्मदा के पास डेरा जमाते हैं और अपने प्राण भी यहीं त्यागते है। विश्व में यही एक ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है। भगवान शिव के अंश दिव्य शक्तियों से ओत-प्रोत रहते हैं चाहे वे गणेश, हनुमान या मां नर्मदा ही क्यों न हो, एक समय सभी देवताओं के साथ में ब्रम्हा, विष्णु मिलकर भगवान शिव के पास आए जो कि मेकल पर्वत (अमरकंटक) पर समाधिस्थ थे। वे अंधकासुर राक्षस का वध कर शांत-सहज समाधि में बैठे थे। अनेक प्रकार से स्तुति.प्रार्थना करने पर शिवजी ने आँखें खोलीं और उपस्थित देवताओं का सम्मान किया, देवताओं ने निवेदन किया हे भगवन्त! हम देवता भोगों में रत रहने से, बहुत से राक्षसों का वध करने के कारण हमने अनेक पाप किए हैं, उनका निवारण कैसे होगा आप ही कुछ उपाय बताइए, तब शिवजी की भृकुटि से एक तेजोमय पसीने की बूँद पृथ्वी पर गिरी और कुछ ही देर बाद एक कन्या के रूप में परिवर्तित हो गई। उस कन्या का नाम नर्मदा रखा गया सभी देवताओं ने उन्हें दिव्य आशीर्वाद दिया। नर्मदा पुराण की कथा सुनने बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच रहे हैं।