डीईओ ने जांच कमेटी गठित करते हुए जारी पत्र में कहा है कि पूर्व में शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय केवलारी के प्राचार्य शीतलप्रसाद सरयाम को कमिश्नर जबलपुर के द्वारा निलंबित किया गया है। उन्होंने इस कार्यालय को आवेदन पत्र द्वारा बताया कि शासन द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय को वर्ष में चार बार राशि शाला प्रबंधन व्यय के लिए प्रदाय की जाती है संस्था में पदस्थ वरिष्ठ अध्यापक पीडी नाग को शाला प्रबंधन के कार्य के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है। प्रथम त्रैमास एवं द्वितीय त्रैमास की राशि शाला प्रबंधन समिति के अनुमोदन के लिए प्रभारी द्वारा एसडीएम राजस्व केवलारी से कराया जाता था एवं सम्बंधित ठेकेदार के खाते में उपकोषालय केवलारी द्वारा ई-चे के माध्यम से राशि जमा की जाती रही है।
डीईओ ने पत्र में बताया कि तृतीय त्रैमास की राशि ११८२५७ (एक लाख अट्ठारह हजार दो सौ सत्तावन रुपए) प्राप्त होने पर प्रभारी द्वारा नियम अनुसार विज्ञापन, कोटेशन तुलनात्मक विवरण तैयार कर समिति के समक्ष हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया। इसमें एसडीएम राजस्व केवलारी के अनुमोदन कराए जाने के लिए आदेशित किया गया था। प्रभारी के द्वारा अनुमोदन के लिए रजिस्टर अपने पास रखे रहे एवं प्राचार्य द्वारा पूछे जाने पर कहा गया कि मेरे द्वारा अनुमोदन करा लिया गया है। जिससे प्रभारी पर विश्वास करते हुए प्राचार्य द्वारा राशि ११८२५७ का देयक में उपकोषालय केवलारी में प्रस्तुत किया गया। इसकी राशि ई-पेमेंट के माध्यम से ठेकेदार के खाता में २६ दिसंबर २०१६ को जमा की गई।
इसके बाद प्रभारी के द्वारा ठेकेदार पर दबाव देकर स्वयं के खाता में राशि ११८००० (एक लाख अटï्ठारह हजार रुपए) स्थानांतरित करा ली गई एवं कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है।
डीईओ ने किया पत्रिका की खबर का उल्लेख –
डीईओ ने दो सदस्यीय जांच कमेटी में प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पांडियाछपारा एवं प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरेखा को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि पत्रिका में निलंबित प्राचार्य ने कहा विश्वास में खाया धोखा समाचार प्रकाशित हुआ है। शिकायत की जांच के लिए उक्त दोनों प्राचार्य कोजांच अधिकारी नियुक्त किया जाकर शिकायती पत्र में उल्लेखित तथ्यों एवं पत्रिका में प्रकाशित समाचार अनुसार सूक्ष्मता से जांच कर ७ दिवस में जांच प्रतिवेदन अपने स्पष्ट निष्कर्ष एवं अभिमत सहित डीईओ कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा है। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से किए जाने के निर्देश दिए हैं।
डीईओ ने पत्र में बताया कि तृतीय त्रैमास की राशि ११८२५७ (एक लाख अट्ठारह हजार दो सौ सत्तावन रुपए) प्राप्त होने पर प्रभारी द्वारा नियम अनुसार विज्ञापन, कोटेशन तुलनात्मक विवरण तैयार कर समिति के समक्ष हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया। इसमें एसडीएम राजस्व केवलारी के अनुमोदन कराए जाने के लिए आदेशित किया गया था। प्रभारी के द्वारा अनुमोदन के लिए रजिस्टर अपने पास रखे रहे एवं प्राचार्य द्वारा पूछे जाने पर कहा गया कि मेरे द्वारा अनुमोदन करा लिया गया है। जिससे प्रभारी पर विश्वास करते हुए प्राचार्य द्वारा राशि ११८२५७ का देयक में उपकोषालय केवलारी में प्रस्तुत किया गया। इसकी राशि ई-पेमेंट के माध्यम से ठेकेदार के खाता में २६ दिसंबर २०१६ को जमा की गई।
इसके बाद प्रभारी के द्वारा ठेकेदार पर दबाव देकर स्वयं के खाता में राशि ११८००० (एक लाख अटï्ठारह हजार रुपए) स्थानांतरित करा ली गई एवं कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है।
डीईओ ने किया पत्रिका की खबर का उल्लेख –
डीईओ ने दो सदस्यीय जांच कमेटी में प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पांडियाछपारा एवं प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरेखा को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि पत्रिका में निलंबित प्राचार्य ने कहा विश्वास में खाया धोखा समाचार प्रकाशित हुआ है। शिकायत की जांच के लिए उक्त दोनों प्राचार्य कोजांच अधिकारी नियुक्त किया जाकर शिकायती पत्र में उल्लेखित तथ्यों एवं पत्रिका में प्रकाशित समाचार अनुसार सूक्ष्मता से जांच कर ७ दिवस में जांच प्रतिवेदन अपने स्पष्ट निष्कर्ष एवं अभिमत सहित डीईओ कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा है। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से किए जाने के निर्देश दिए हैं।