डॉक्टर ने बताए गर्मी में बीमारियों से बचाव के उपाय -.
आरएमओ डॉ. पी सूर्या ने बताया कि ग्रीष्म ऋ तु का मौसम प्रारंभ हो चुका है। तापमान 40 डिग्री से ज्यादा हो गया है। जिसके चलते राज्य तथा अन्य प्रदेशों में लू तापघात के रोगियों की संभावना बढ़ गई है। सिवनी जिले में भी तापमान में वृद्धि पाई गई है। इस मौसम में विभिन्न बीमारियों से बचने के लिए सलाह देते हुए डॉ.सूर्या ने कहा है कि सभी व्यक्ति इन दिनों में अपने घरों को ठंडा रखें। दरवाजे एवं खिडकियां बंद रखें एवं रात में तापमान कम होने के समय खिड़कियां एवं दरवाजे खोल दें। गर्मी के दिनों में तापमान 35 डिग्री से अधिक होने पर अधिक मात्रा में पेयजल का सेवन करें। गर्मी के दिनों में जहां तक संभव हो बाहर ना जाए। धूप में खड़े होकर व्यायाम या मेहनत के कार्य ना करें। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में अनिवार्य होने पर ही करें।
गर्मी के दिनों में अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडे पानी से स्नान करें या ठंडे कपड़ों से शरीर को ढक लेवें। गर्मी के दिनों में धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले ढाले कपड़ों का उपयोग करें एवं टोपी, रंगीन चश्मे का उपयोग अवश्य करें। अत्यधिक पानी पियें एवं ऐसे शीतल पेय ना पियें जिसमें एल्कोहल की मात्रा हो। गर्मी के दिनों में हाईरिस्क गर्भवती महिलाएं, 5 साल तक आयु के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग फेफडे, हृदय, लीवर, गुर्दा, मधुमेह, कैंसर आदि लंबी बीमारी वाले मरीज अपना विशेष रूप से ध्यान रखें।
गर्मी के दिनों में चक्कर, घबराहट, कमजोरी, अत्यधिक प्यास लगना एवं सिर में दर्द, हाथ पैरों में जकडऩ की शिकायत हो तो शीघ्र ही ठंडी जगह पर जाकर आराम करना चाहिए एवं अपने शरीर का तापमान लेना चाहिए। यदि इन उपचार से आराम ना मिले तो तत्काल निकट के अस्पताल पर जाकर अपना उपचार कराना चाहिए। यदि अस्पताल तक जाने में विलंब हो तो ऐसे मरीजों को सीधा लिटा कर पैरों को ऊंचा करें एवं ठंडे पानी में कपड़ा भिंगोकर शरीर को ढक देंवें। डॉ. ने बताया कि गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही धूप में निकलें। घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू का पानी, छाछ का अधिक से अधिक उपयोग करें। यह उपाय करने से लू एवं तापघात से बचाव किया जा सकता है।
आरएमओ डॉ. पी सूर्या ने बताया कि ग्रीष्म ऋ तु का मौसम प्रारंभ हो चुका है। तापमान 40 डिग्री से ज्यादा हो गया है। जिसके चलते राज्य तथा अन्य प्रदेशों में लू तापघात के रोगियों की संभावना बढ़ गई है। सिवनी जिले में भी तापमान में वृद्धि पाई गई है। इस मौसम में विभिन्न बीमारियों से बचने के लिए सलाह देते हुए डॉ.सूर्या ने कहा है कि सभी व्यक्ति इन दिनों में अपने घरों को ठंडा रखें। दरवाजे एवं खिडकियां बंद रखें एवं रात में तापमान कम होने के समय खिड़कियां एवं दरवाजे खोल दें। गर्मी के दिनों में तापमान 35 डिग्री से अधिक होने पर अधिक मात्रा में पेयजल का सेवन करें। गर्मी के दिनों में जहां तक संभव हो बाहर ना जाए। धूप में खड़े होकर व्यायाम या मेहनत के कार्य ना करें। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में अनिवार्य होने पर ही करें।
गर्मी के दिनों में अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडे पानी से स्नान करें या ठंडे कपड़ों से शरीर को ढक लेवें। गर्मी के दिनों में धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले ढाले कपड़ों का उपयोग करें एवं टोपी, रंगीन चश्मे का उपयोग अवश्य करें। अत्यधिक पानी पियें एवं ऐसे शीतल पेय ना पियें जिसमें एल्कोहल की मात्रा हो। गर्मी के दिनों में हाईरिस्क गर्भवती महिलाएं, 5 साल तक आयु के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग फेफडे, हृदय, लीवर, गुर्दा, मधुमेह, कैंसर आदि लंबी बीमारी वाले मरीज अपना विशेष रूप से ध्यान रखें।
गर्मी के दिनों में चक्कर, घबराहट, कमजोरी, अत्यधिक प्यास लगना एवं सिर में दर्द, हाथ पैरों में जकडऩ की शिकायत हो तो शीघ्र ही ठंडी जगह पर जाकर आराम करना चाहिए एवं अपने शरीर का तापमान लेना चाहिए। यदि इन उपचार से आराम ना मिले तो तत्काल निकट के अस्पताल पर जाकर अपना उपचार कराना चाहिए। यदि अस्पताल तक जाने में विलंब हो तो ऐसे मरीजों को सीधा लिटा कर पैरों को ऊंचा करें एवं ठंडे पानी में कपड़ा भिंगोकर शरीर को ढक देंवें। डॉ. ने बताया कि गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही धूप में निकलें। घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू का पानी, छाछ का अधिक से अधिक उपयोग करें। यह उपाय करने से लू एवं तापघात से बचाव किया जा सकता है।