scriptसमितियों पर नहीं हैं यूरिया, निजी दुकानदार कर रहे कालाबाजारी, कृषि विभाग बना अनजान | There is no urea on the committees, private shopkeepers are doing blac | Patrika News

समितियों पर नहीं हैं यूरिया, निजी दुकानदार कर रहे कालाबाजारी, कृषि विभाग बना अनजान

locationसिवनीPublished: Oct 27, 2021 09:48:37 am

Submitted by:

akhilesh thakur

सिवनी, छपारा व लखनादौन के किसान सबसे अधिक परेशान, अफसरों पर लगाया संलिप्तता का आरोप

समितियों पर नहीं हैं यूरिया, निजी दुकानदार कर रहे कालाबाजारी, कृषि विभाग बना अनजान

समितियों पर नहीं हैं यूरिया, निजी दुकानदार कर रहे कालाबाजारी, कृषि विभाग बना अनजान

अखिलेश ठाकुर सिवनी. जिले की समितियों पर यूरिया व डीएपी नहीं है। खेतों में गेहूं, मसूर, चना आदि फसलों की बोवाई शुरू हो गई है। बोवाई के समय किसानों को यूरिया व डीएपी की जरूरत होती है। ऐसे में निजी दुकानदारों ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है। दुकान पर आने वाले किसानों को पहले मना कर रहे फिर अधिक दाम पर उपलब्ध कराने की बात कर रहे हैं। समितियों पर यूरिया नहीं होने से किसान मजबूरीवश अधिक मूल्य पर यूरिया की खरीदारी कर रहे हैं। अधिक कीमत चुकाने के बाद किसान खुद को ठगा महसूस कर रहा है। किसान कल्याण एवं कृषि विभाग इससे अनजान बना हुआ है।
गोपालगंज व मोहगांव सहकारी समिति पर मंगलवार को पहुंचे किसानों ने ‘पत्रिकाÓ को बताया कि यहां पर यूरिया नहीं है। प्रबंधक का कहना है कि यूरिया व डीएपी दोनों नहीं है। समिति पर आने वाले किसान खाली हाथ लौट रहे हैं। गोपालगंज समिति प्रबंधक ने बताया कि दो से तीन दिन में यूरिया आ जाएगा। आरओ काट दिया गया है। पुसेरा निवासी किसान अजय ने बताया कि समिति पर यूरिया नहीं मिला तो वह सिवनी के एक दुकानदार के यहां यूरिया लेने गया। दुकानदार ने पहले बोला कि यूरिया नहीं है। फिर जब वापस आने लगा तो पूछा कितना चाहिए। मैंने बताया कि ३० बोरी तो बोला इतना नहीं मिलेगा। ३५० रुपए की एक बोरी मिलेगी। २० बोरी दे सकता हूं। कीमत अधिक क्यों ले रहे हो? ऐसा पूछे जाने पर बोला कि शहर में घूम लो यदि कोई इससे कम पर दें दे तो बताना। इस तरह की स्थिति जिलेभर में है, लेकिन सबसे अधिक शिकायत सिवनी, छपारा व लखनादौन से आ रही हैं। यहां के किसानों ने संबंधित अधिकारियों पर संलिप्तता के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इस कारण ही दुकानों की जांच नहीं हो रही है। उधर उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग का कहना है कि अभी जिलेभर में बोवाई का कार्य पूरी तरह से शुरू नहीं हुआ है।

पत्रिका साक्षात्कार –
(किसान कल्याण एवं कृषि विभाग के उप संचालक मोरिशनाथ से साक्षात्कार…।)

सवाल – क्या जिले में यूरिया की किल्लत हैं?
जवाब – नहीं।

सवाल – क्या दुकानदार अधिक कीमत पर यूरिया बेच रहे हैं?
जवाब – इसकी शिकायत नहीं मिली है। मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे।
सवाल – क्या अधिक कीमत पर यूरिया संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से बेची जा रही है?
जवाब – नहीं। अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।

सवाल – वर्तमान समय में जिले में यूरिया की क्या स्थिति है?
जवाब – जिले में १२ हजार मैट्रिक टन यूरिया पहुंचा है। समिति प्रबंधक आरओ काट कर यूरिया मंगा सकते हैं।
सवाल – यदि किसी किसान को अधिक कीमत पर कोई यूरिया दे रहा हैं तो वो क्या करें?
जवाब – किसान इसकी शिकायत मुझे मो.नं. ९७५४८१२४९६ पर करें। तत्काल कार्रवाई की जाएगी। अलग-अलग तहसील के लिए टीम भी बनाई गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो