सालभर में दस दिन विद्यार्थियों को वोकेशनल क्राफ्ट इलेक्ट्रिक वर्क, मेटल वर्क, गार्डनिंग आदि की पढ़ाई कराई जाएगी। इसके पीछे मकसद यह है कि स्कूलों में लर्निंग को अधिक आनंदपूर्ण व्यावहारिक और तनावमुक्त बनाया जाएगा। इसके माध्यम से विद्यार्थी विभिन्न तरह की स्किल सीख सकेंगे और उनकी किसी भी विषय को लेकर प्रायोगिक समझ को बढ़ावा मिलेगा।
विद्यार्थियों को वर्ष में 10 दिन बिना स्कूल बैग के स्कूल आना होगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई को आनंददायक, प्रयोगात्मक और तनावमुक्त बनाना है।बैगलेस डे के दौरान विद्यार्थियों को स्थानीय वोकेशनल एक्सपट्र्स जैसे बढ़ई, माली, कुम्हार आदि के साथ इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। इससे विद्यार्थियों को विभिन्न व्यावहारिक कौशल सीखने और उनकी महत्व को समझने का अवसर मिलेगा।
एनसीईआरटी की 2020 में पेश नई शिक्षा नीति में इस प्रस्ताव को शामिल किया गया था। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों के समग्र विकास को बढ़ावा देना और उन्हें व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना है। बैगलेस डे की यह पहल विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक और जीवन कौशल सीखने का अवसर प्रदान करेगी। यह कदम विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ उन्हें व्यावसायिक जीवन की तैयारी में भी मदद करेगा।
बैगलेस डे को लेकर निर्देश हैं। इसको क्रियान्वित कराया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा मिलेगा।
महेश बघेल, डीपीसी, सिवनी