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दस दिनों तक ऐसे मनाया पर्युषण, जिनालय में उमड़े श्रद्धालु

locationसिवनीPublished: Sep 13, 2019 12:41:01 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

अनंत चतुर्दशी पर श्रीजी की हुई विशेष शांति धारा, धूमधाम से संपन्न हुआ घंसौर में पर्यूषण पर्व

दस दिनों तक ऐसे मनाया पर्युषण, जिनालय में उमड़े श्रद्धालु

दस दिनों तक ऐसे मनाया पर्युषण, जिनालय में उमड़े श्रद्धालु

सिवनी. जैन धर्म के दस दिनों तक चलने वाले पर्युषण पर्व दिन गुरुवार को अनंत चतुर्दशी पर सानंद संपन्न हुए। 03 से 12 सितंबर तक प्रतिदिन उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम सत्य, उत्तम शोच, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अकिंचन, उत्तम ब्रह्मचर्य। इन दस धर्मों पर प्रतिदिन जैन मंदिरों में पूजन अर्चन भक्ति भाव से संपन्न हुई।
इस अवसर पर नगर के दोनों ही जिनालयों में आकर्षक साज-सज्जा की गई एवं जैन धर्मावलंबियों में पर्युषण पर्व को लेकर खासा उत्साह रहा। प्रतिदिन सुबह से सफेद, पीले, केसरिया वस्त्रों में महिला-पुरुष, युवा मंदिरों में पूजन-अर्चन करते नजर आए एवं संध्या कालीन बेला में जबलपुर से आए विद्वान अन्नू भैय्या एवं नगर के ही विद्वान अंकित जैन के द्वारा 10 धर्मों पर प्रतिदिन कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
विराजमान मुनि उपशम सागर महाराज के द्वारा प्रवचन किए गए और प्रतिदिन संगीत में सामूहिक पूजन एवं आरती से जैन धर्मावलंबियों ने नाच गाकर बड़े ही भक्ति भाव से श्रीजी की 10 दिनों तक भक्ति की। इस वर्ष बैतूल जिला के संगीतकार पार्टी मिनी जैन एंड गु्रप से भक्ति रस की गंगा बही एवं श्रद्धालुओं ने प्रभु की भक्ति की।
प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम महावीर सेवादल विद्यासागर युवा मंच, बालिका विद्या वराणी समिति द्वारा आयोजित किए गए एवं पाठशाला के बच्चों के द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम दिए गए। साथ ही साथ धार्मिक, सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में प्रश्नमंच, धार्मिक प्रश्नोत्तरी, भूल भुलैया, सम्यक दर्शन चेयर रेस, डिब्बा कमाल का, पूजन पद, एवं दो दिनों तक कौन बनेगा धर्म शिरोमणि प्रतियोगिता रखी गई। जिसमें आकर्षक पुरस्कार रखे गए। सभी प्रतियोगिता की सराहना सकल समाज ने की। सभी प्रतियोगिताओं में बड़ी संख्या में प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया।
गुरुवार को अनंत चतुर्दशी पर स्थानीय पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर एवं महावीर जिनालय में श्रीजी का अभिषेक पूजन एवं शांति द्वारा की गई। आज के दिन भगवान बासु पूज्य का मोक्ष कल्याणक था तो भगवान वासूपुज्य की विशेष पूजन एवं शांति धारा की गई। पाश्र्वनाथ जिनालय एवं महावीर जिनालय में श्रीजी की महाआरती की गई, तत्पश्चात कार्यक्रम समापन हुआ। रात्रि में दोनों ही जिनालों में विशेष आरती का आयोजन किया गया। क्षमावाणी का पावन पर्व शनिवार को दोपहर ०1 बजे से स्थानीय जैन धर्मशाला में मनाया जाएगा।

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