scriptतीन राज्य के वन अधिकारी ने लिया वनों की बेहतरी का प्रशिक्षण | Three state forest officers took training for the betterment of forest | Patrika News

तीन राज्य के वन अधिकारी ने लिया वनों की बेहतरी का प्रशिक्षण

locationसिवनीPublished: Mar 17, 2020 11:35:49 am

Submitted by:

sunil vanderwar

वानिकी प्रशिक्षण संस्थान लखनादौन में दो दिवसीय आयोजन

तीन राज्य के वन अधिकारी ने लिया वनों की बेहतरी का प्रशिक्षण

तीन राज्य के वन अधिकारी ने लिया वनों की बेहतरी का प्रशिक्षण

सिवनी. पर्यावरण, वन एवं मौसम परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के अनतर्गत भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद से सम्बन्धित उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य के वन विभाग के अधिकारी एंव कर्मचारी को नवीनतम अनुसंधान, तकनीकी वन विज्ञान केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षण दी जाती है, जिसका लाभ उत्तर वनमण्डल के समस्त कर्मचारियों को मिलेगा जिससे वानिकी कार्यो में गुणवत्ता युक्त कार्य करने में मदद मिलेगी। पर्यावरण को संतुलित बनाने में विशेष शोधकार्य की कार्यशालाओं से अनुभव का लाभ मिलेगा तथा पर्यावरण संतुलन में सहभागी बनेंगे।
उन्नत नर्सरी तकनीक, वृक्ष सुधार एवं कृषि वानिकी एवं वन रोपनियों रोपवनों के कीटों, रोगों का समन्वित प्रबंधन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला लखनादौन के राजीव गांधी सहभागी वानिकी प्रशिक्षण संस्थान में हुई। उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर से आए वैज्ञानिकों एवं वन विभाग के लगभग 100 अधिकारी, कर्मचारी तथा किसानों नें भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डॉ. गीता जोशी, डॉ. अरुण्स कुमार, डॉ. ननीता बेरी, डॉ. नसीर मोहम्मद , डॉ. एससी बिस्वास, डॉ. एसएन मिश्र, एजेके असैया, शालिनी बाहुते, आरबी मांझी एवं हेनरी एंथोनी उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रथम दिवस गुरुवार को कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. गीता जोशी विभागाध्यक्ष वन विस्तार प्रभाग उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर एवं एनके कोर्चे, अनुदेशक राजीव गांधी सहभागी वानिकी प्रशिक्षण संस्थान लखनादौन ने की। डॉ. एसएन मिश्रा द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम रुपरेखा एवं उद्देश्यों को बताया गया। डॉ. नसीर मोहम्मद नें वृक्ष प्रजातियों का सुधार, बीज फलोद्यान की स्थापना एवं प्रबंधन, डॉ. गीता जोशी एवं डॉ. अरुण कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक ने चंदन एवं बांस की व्यवसायिक खेती एवं उससे मिलने वाले लाभों पर व्याख्यान दिया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान वन संशोधन केन्द्र द्वारा स्थापित सागौन बीजोद्यान एवं औषधीय रोपण क्षेत्र में प्रशिक्षार्थियों को वैज्ञानिकों विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के द्वितीय दिवस शुक्रवार को डॉ. ननीता बेरी ने कृषि वानिकी एवं मप्र राज्य के लिए उपयोगी कृषि वानिकी के मॉडल एवं एकीकृत कृषि प्रणाली का महत्व, डॉ. एससी. बिस्वास द्वारा मध्य भारत की कुछ महत्वपूर्ण औषधीय पादप प्रजातियों एवं उनकी कृषि तकनीक विषय, एजेके असैया नें वानिकी में केंचुआ खाद एवं जैव उर्वरक के उत्पादन की तकनीक एवं उसकी उपयोगिता एवं शालिनी बाहुते ने वन रोपणियों एवं पौधारोपण में कीटों का एकीकृत प्रबंधन पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में वनमण्डल अधिकारी प्रदीप मिश्रा के निर्देशन में आयोजित हुआ। उपवनमण्डल अधिकारी लखनादौन गौरव मिश्रा, वन विदयालय लखनादौन अनुदेशकी एनके कोर्चे, प्रशांत साकुरे, परिक्षेत्र अधिकारी धूमा सुभाष तिवारी एवं वनमण्डल के उपवन क्षेत्रपाल एवं वनरक्षक प्रशिक्षण में उपस्थित रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो