जानकारी के अनुसार जिप्सी के के ड्राइवरों और गाइड के कारण कई लोगों की जान दांव पर लग गई थी. इन लोगों ने टूरिस्टों को नजदीक से बाघ दिखाने के लिए रास्ते से गुजर रहे बाघ का रास्ता ही रोक लिया. इससे बाघ गुस्सा उठा और उसने रास्ता रोकनेवाली जिप्सी में बैठे लोगों पर हमला कर दिया. बाघ गुर्राते हुए पास आया पर जिप्सी में बैठे लोगों पर झपटा.
शिष्य आनंद गिरि की करतूत पर खफा हो गए थे महंत नरेंद्र गिरि
उसने जिप्सी पर अपना पंजा मारा जिससे उसमें बैठे लोग डर गए. गाड़ी में बैठे लोगों की सांसे मानो रुक गई.सभी लोग बाघ के हमले से सिहर उठे. बाघ का यह रूप देखकर जिप्सी का ड्राइवर और गाइड भी घबरा उठे. हालांकि वे टूरिस्टों को बोलते रहे कि डरो मत पर वे माजरा समझ चुके थे. किसी तरह उन्होंने जिप्सी रिवर्स की और यहां से भाग लिए.