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जिला अस्पताल में दवाओं का टोटा, नहीं मिल रही आंख की ड्राप व दवाएं

locationसिवनीPublished: Feb 28, 2020 10:29:19 pm

Submitted by:

akhilesh thakur

– मरीज हो रहे परेशान, जिम्मेदार भोपाल में सूचना देने की कर रहे हैं बात

जिला अस्पताल में दवाओं का टोटा, नहीं मिल रही आंख की ड्राप व दवाएं

जिला अस्पताल में दवाओं का टोटा, नहीं मिल रही आंख की ड्राप व दवाएं

सिवनी. जिला अस्पताल में दवाओं का टोटा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। विगत माह 10 जनवरी को मानसिक रोग की दवा जिला अस्पताल में नहीं होने पर मरीज ने सिविल सर्जन कार्यालय में पहुंचकर आरएमओ डॉ. पी सूर्या से शिकायत किया था। इसके बाद इमरजेंसी के समय मिलने वाले जरूरी इंजेक्शन के नहीं होने की जानकारी सामने आई थी। जिला अस्पताल प्रशासन इस पर कार्रवाई करते हुए कई आवश्यक दवाएं बुलवाया। इसबीच फिर एक बार आंख के ड्राप और दवा नहीं होने का मामला सामने आया है।

नगर पालिका क्षेत्र के विवेकानंद वार्ड निवासी नीतू बंदेवार ने बताया कि वह पुत्री शुभि के आंख का उपचार कराने गुरुवार को जिला अस्पताल गई थी। चिकित्सक ने उपचार के बाद पुत्री के लिए आंख का ड्राप लिखा, जिसे लेने के लिए जब मैं काउंटर पर गई तो दवा नहीं होने की जानकारी मिली। इस पर मैंने पूछा कि कब से खत्म हैं और कब तक आएगा। इस पर काउंटर पर बैठे कर्मचारी ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
बताया कि इसके बाद मैं आंख के चिकित्साधिकारी से मिलकर उनको इससे अवगत कराया। इस पर उन्होंने ने भी हाथ खड़े कर लिए। उनका कहना था कि अस्पताल में कौन दवा है और कौन नहीं इसकी जानकारी मुझे नहीं है। बताया कि अस्पताल के पर्ची पर लिखी दवा को बाहर से 68 रुपए में खरीदा। यह हाल जिला अस्पताल पहुंचने वाली केवल नीतू की पुत्री की नहीं है, बल्कि हर रोज न जाने कितने लोग बिना दवा के लौट रहे हैं।
उधर सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर का दावा है कि जिला अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं है। सारी दवाएं है। यदि कुछ दवाए खत्म हुई है तो उनको मंगाने के लिए भोपाल पत्र भेज दिया गया है। यह रूटीन प्रक्रिया है। बताया कि अक्सर दवा खत्म होने के पूर्व की मंगा लिया जाता है। कभी-कभी ऐसी स्थिति बनती है।
जिला अस्पताल में प्रसूता व बच्चे की मौत

सिवनी. जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में गुरुवार को प्रसव के लिए भर्ती एक प्रसूता एवं उसके बच्चे की मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने लापरवाही पर प्रसूता के मौत होने की बात बताई है। सिविल सर्जन ने इस मामले की जांच कराए जाने की बात कही है।

उधर मेटरनिटी वार्ड में हुए इस घटना के बाद परिजनों में काफी आक्रोश दिखा। परिजनों ने प्रसूता की मौत के बाद सही ढंग से उपचार नहीं होने की बात बताई। उनका कहना था कि यदि सही ढंग से उपचार मिला होता तो दोनों जीवित रहते है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर ने बताया कि जिस समय यह घटना हुई। उस समय वार्ड में अनुभवी गायनकोलॉजिस्ट की ड्यूटी रही। प्रथम दृष्टया मरीज को पहले से ही मरीज को कई बीमारी होने की बात बताई जा रही है। सीएमएचओ व वरिष्ठ गायनकोलॉजिस्ट के साथ प्रसूता के मौत के कारणों की जांच की जाएगी।
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