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तेज रफ्तार बस पलटी दर्जनों यात्री घायल

locationसिवनीPublished: Sep 22, 2018 12:20:21 pm

Submitted by:

mahendra baghel

जरा भी देर हो जाती पुलिस पहुंचने में तो आग के हवाले कर देते ग्रामीण बस को

Twenty-two passengers injured

तेज रफ्तार बस पलटी दर्जनों यात्री घायल

सिवनी. छपारा से केवलारी की ओर जा रही एक मिनी बस घाट में पलट गई। बस में सवार एक यात्री की मौत हो गई। दर्जनभर घायल हो गए। सभी को आसपास के लोगों की मदद से बस से बाहर निकालकर स्वास्थ्य केन्द्र छपारा पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है।
जानकारी के अनुसार छपारा से बस ओवरलोड सवारियों को लेकर केवलारी के निकली थी। बस तेज रफ्तार के साथ घाटी में पहुंची थी उ सी समय चालक के मोबाइल पर काल आया और वह बात करने लगा। इसबीच सामने से आ रहे एक मोटरसाइकिल सवार को बचाने में बस अनियंत्रित होकर पलट गई। बस में सवार तिलवारा निवासी शशि की मौके पर ही मौत हो गई। बस में फंसे यात्रियों का शोर सुनकर मौके पर पहुंचे स्थानीय ग्रामीणों ने सभी को बाहर निकाला। उधर घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे घायल के परिजन और स्थानीय नागरिक आक्रोशित हो गए। उनलोगों ने बस को आग लगाने के लिए उसका डीजल टैंक खोल दिया, लेकिन संयोग अच्छा रहा कि उसी समय पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। घायलों को घटनास्थल से इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपारा पहुंचाया गया। मृतका के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया कि घाट से लेकर गोरखपुर तक सड़क का निर्माण चल रहा है। छपारा से नौ किलोमीटर चंडी ग्राम तक सीसी रोड बनाई जा रही है, जो एक तरफ से बनकर तैयार हो गई है, जबकि दूसरी तरफ से आधी अधूरी सड़क है, जहां हादसा होने का खतरा बना हुआ है। उक्त हादसा इसी मार्ग पर हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि घाट से लेकर गोरखपुर ग्राम तक पहले सड़क को पूर्ण किया जाना चाहिए, जिससे हादसे में कमी आएगी। इसकी जानकारी के बाद थाना प्रभारी राजन उइके ने मौके से ही ठेकेदार को काल कर घाट से गोरखपुर तक सड़क को तुरंत बनाए जाने की बात कही।
कब बंद होगा ओवरलोड सवारी ढोना
ग्रामीणों क्षेत्रों में जर्जर बस से ओवरलोड सवारी ढोने से हादसे में वृद्धि हो रही है। इसके बाद भी संबंधित महकमा इस पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। आए दिन हो रहे हादसे से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शारीरिक, आर्थिक व मानसिक कठिनाइयां भी झेलनी पड़ती है।
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