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स्कूलों का हुआ उन्नयन, भवन मिला न शिक्षक

locationसिवनीPublished: Jul 31, 2018 11:29:52 am

Submitted by:

sunil vanderwar

जिले के छपारा ब्लॉक व जिले में नजर आ रही ऐसी हकीकत

सिवनी. माध्यमिक शाला से उन्नयन किए गए हाइस्कूल और हायर सेकण्डरी स्कूलों में अब तक शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की गई है। माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों के भरोसे ही नवीन हायर सेकेण्डरी और हाइस्कूल की पढ़ाई चल रही है। उन्नयन व नए स्कूल खोले जाने पर जनप्रतिनिधियों में खासा उत्साह है, उनके द्वारा इसका श्रेय भी लिया जा रहा है। स्कूल तो खोल दिए गए लेकिन नई संस्थाओं में शिक्षक पदस्थ नहीं किया गया है। स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जानी है लेकिन शैक्षणिक सत्र का जुलाई माह बीत रहा है, किसी भी स्कूल में अतिथि विद्वानों की नियुक्ति नहीं की गई है।
छपारा विकासखंड के अंतर्गत सादिक सिवनी 3 साल पूर्व मिडिल से हाइस्कूल में उन्नयन किया गया है। यहां करीब 200 छात्र-छात्राएं ९वीं, १०वीं की पढ़ाई के लिए पहुंचते हैं। उन्नयन किए गए स्कूल में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है। जहां मिडिल स्कूल के ही शिक्षक ओम कुमार छात्र-छात्राओं को पढ़ाते हैं। जहां अतिथि विद्वान को लिए जाने के निर्देश भी मिले हैं लेकिन अब तक अतिथि विद्वान भी नहीं पहुंचे हैं।
इसी तरह 2018 में पांडीवाड़ा जोगीवाड़ा ग्राम में मिडिल को हाइस्कूल बनाया गया है जहां अब तक शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है। मिडिल स्कूल के शिक्षकों के ही भरोसे ही शैक्षणिक व्यवस्था चल रही है। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकांश स्कूलों की बिल्डिंग भी नहीं बन पाई हैं जहां अतिरिक्त कक्ष में ही क्लास में संचालित हो रही हैं। सबसे बुरा हाल बकोड़ा सिवनी के हाइस्कूल की है जहां विगत 10 वर्षों से ९वीं और १०वीं की कक्षा पंचायत भवन में लग रही हैं। 11वीं और 12वीं के लिए भी हायरसेकेण्डरी कर दिया गया है। लेकिन भवन अब तक नहीं मिल पाया है। पंचायत के कमरों में शैक्षणिक व्यवस्था चल रही है।
पत्रिका ने उठाया था मामला, मिली जमीन –
पूर्व में पत्रिका में इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद प्रशासन ने सक्रिय होकर बिल्डिंग बनाए जाने का भूमि तो ढूंढ लिया है और नई बिल्डिंग स्वीकृत भी हो चुकी है लेकिन अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। केवलारी विधायक के ग्रह ग्राम के नजदीक साधक सिवनी में मिडिल से हाइस्कूल मेंयन किए गए ९वीं और १०वीं के छात्र छात्राओं के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। जहां मिडिल स्कूल के ही शिक्षक दोनों ही स्कूल के छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं। जहां भी जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं गया ऐसे में क्षेत्र के बच्चों के भविष्य की कल्पना की जा सकती है, उनको कितनी गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिलेगी।

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