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चंद्रमा पर गए चंद्रयान का क्या हुआ, उत्सुक बच्चोंं ने पूछा सवाल

locationसिवनीPublished: Sep 08, 2019 12:17:55 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

चन्द्रमा पर चंद्रयान विषय आधारित बाल सभा का आयोजन

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चंद्रमा पर गए चंद्रयान का क्या हुआ, उत्सुक बच्चोंं ने पूछा सवाल,चंद्रमा पर गए चंद्रयान का क्या हुआ, उत्सुक बच्चोंं ने पूछा सवाल

सिवनी. चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-२ के विषय में जानने बड़े ही नहीं बच्चे भी खासे उत्साहित हैं। बच्चों के उत्सुकता भरे सवालों का संतोषजनक जवाब देने के लिए स्कूलों में शनिवार को विशेष बालसभा का आयोजन हुआ। बच्चों ने पूछा कि चंद्रमा पर गया चंद्रयान किन कारणों से असफल हो गया, क्यों संपर्क टूट गया। ऐसे ही कई सवाल थे, जिनका जवाब जानने विद्यार्थियों में उत्सकुता थी।
भारत द्वारा चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-2 विषय पर शासकीय माध्यमिक विद्यालय भोंगाखेड़ा में प्रभारी प्रधान पाठक संजय तिवारी के मार्गदर्शन में बाल सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षिका कीर्ति भलावी ने विद्यार्थियों को चंद्रयान भेजे जाने का उद्देश्य, यान को पृथ्वी से चंद्रमा पर भेजे जाने का दिन, पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी, चंद्रयान में भेजे गए आर्बिटर, रोजर, रोवर उनके नाम आदि की विस्तृत जानकारी दी।
बच्चों को बताया कि भारत द्वारा जुलाई 2019 में चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर भारत के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान भेजा गया, जो 3.8 टन वजन का था। भारत विश्व का एक मात्र देश बन गया है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर अपना यान भेजा। शिक्षिका राजेश्वरी जंघेला ने बताया कि चंद्रयान सात सितम्बर को चांद से 2.1 किलोमीटर पास पहुंचकर संपर्क टूट गया परन्तु आर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में अपना काम कर रहा है। इस यान की सफलता हमें आगे के लिए साहस और मार्गदर्शन करेगी। ममता राजपूत ने मोबाइल के माध्यम से बच्चों को चन्द्रयान की तस्वीर दिखाई। बच्चों से चन्द्रयान से सम्बंधित प्रश्न पूछे गए। कार्यक्रम में संस्था के समस्त विद्यार्थी शिक्षक संतकुमार तिवारी, ममता राजपूत, मंजूलता राय व विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।
बताई मिशन की वैज्ञानिक महत्ता –
चंद्रयान मिशन के विषय में जानने छात्राओं में खासा उत्साह व उत्सुकता देखने को मिली। चंद्रयान-2 मिशन के अंतिम 5 मिनिट में इसरो मुख्यालय से लैंडर का संपर्क टूट जाने की खबर से विद्यार्थियों के मन में भी कई सवाल थे। शनिवार को महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक शाला सिवनीं की छात्राओं के पूछने पर प्रधानपाठक पीएस धुर्वे ने इस वैज्ञानिक मिशन की महत्ता बताई। विज्ञान शिक्षक ऊषा बैश ने बच्चों को चित्र और ग्राफिक्स के माध्यम से चंद्रयान-2 मिशन के पृथ्वी से चंद्रमा तक के सफर की जानकारी दी। शिक्षक पंकज तिवारी ने बताया कि एक दिन शुक्रवार को मिशन की सफलता के लिए छात्राओं ने कामना की थी।

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