सिवनी

तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर चोरी करने का जब सामने आया मामला तो…

ग्रामीणों ने लगाए पुलिस पर झूठी कार्रवाई करने के आरोप

सिवनीOct 18, 2019 / 11:51 am

santosh dubey

तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर चोरी करने का जब सामने आया मामला तो…

सिवनी/किन्दरई. जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र घंसौर में बुधवार 31 जुलाई को हुई छापामार कार्यवाही के बाद प्रकाश में आए मामले ने जहां पूरे प्रशासन को सख्ते में डाल दिया था वहीं एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के डिजिटल सिग्नेचर चोरी करके कई फर्जी प्रमाण-पत्र जारी करने का काला कारनामा निकलकर सबके सामने आया था।
मामले की गम्भीरता का अंदाजा इसी बात लगाया जा सकता है कि बुधवार 31 जुलाई को तत्कालीन तहसीलदार के छापामार कार्यवाही के तीन दिन के बाद 4 अगस्त 19 को स्वयं तत्कालीन तहसीलदार अमृतलाल धुर्वे ने मामले की एफ आइआर घंसौर थाने में पहुंच कर दर्ज कराई थी। जबकी मामले की जांच तीन दिन का समय लग गया था। वहीं मामले में एफ आइआर दर्ज होने के लगभग तीन महीने बाद भी आरोपी दीपेश नेमा घंसौर पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। जिसे लेकर तरह-तरह की कहानियां इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। वहीं इसी सब के बीच खबरें आ रही हैं आरोपी दीपेश नेमा के क्योस्क सेंटर में काम करने वाले पूर्व कर्मचारी प्रिंस ग्रीयाम को घंसौर पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। जिसको लेकर तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति इस दिनों देखी जा रही है। जबकी बुधवार को प्रिंस के निवास ग्राम खैरीकला के लोगों ने अनुविभागीय अधिकारी घंसौर के सामने ज्ञापन सौंपकर इस मामले में पुलिसिया कार्यवाही पर सवाल खड़े करते हुए विरोध दर्ज करवाया। लोगों का कहना है कि प्रिंस को साजिशन तौर पर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है । जबकी मामले में तत्कालीन तहसीलदार अमृतलाल धुर्वे द्वारा दीपेश पिता राजेंद्र नेमा की नामजद रिपोर्ट कराई गई थी। एवं जिस वक्त तहसीलदार अमृतलाल धुर्वे छापामार कार्यवाही कर रहे थे उससे दो तीन महीने पहले ही प्रिंस ने दीपेश के क्योस्क सेंटर से काम छोड़ खुद की फोटोकॉपी दुकान खोल ली थी ।
पुलिस की गिरफ्त से दूर मुख्य आरोपी
बुधवार की दोपहर खैरीकला से आए लोगों ने जहां पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की वहीं प्रिंस को छोडऩे मामले की उच्च स्तरीय जांच व मुख्य आरोपी दीपेश नेमा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा दीपेश को मामले में जानबूझकर रियायत दी गई। वहीं सवाल यह भी उठता है कि जब मुख्य आरोपी पकड़ाया ही नहीं गया तो पुलिस को कैसे पता चला कि प्रिंस की मामले में संलिप्तता है।
नागरिकों ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता से जांच कर वास्तविक दोषियों को सजा दें।
इनका कहना है
ग्राम खैरीकला से आए ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से पुलिस पर झूंठी कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा है। मामला कलेक्टर के संज्ञान में लाकर जांच कराई जाएगी।
रविन्द्र पारधी, नायब तहसीलदार घंसौर

इनका कहना है
ग्राम खैरी के लोगों ने प्रिंस ग्रीयाम पर हुई प्रशासनिक कार्यवाही को गलत ठहराते हुए लोगों ने ज्ञापन दिया है। इस विषय में अधिकारियों से बात करूंगा।
चन्द्रशेखर चतुर्वेदी जिला पंचायत उपाध्यक्ष सिवनी

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