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कौन भरेगा शासन का एक लाख 55 हजार 896 रुपए बकाया टैक्स

locationसिवनीPublished: Feb 28, 2020 10:30:01 pm

Submitted by:

akhilesh thakur

– फायनेंस कंपनी पर वाहन जब्त कर बिना नाम स्थानांतरण कराए बेचने का आरोप

कौन भरेगा शासन का एक लाख 55 हजार 896 रुपए बकाया टैक्स

कौन भरेगा शासन का एक लाख 55 हजार 896 रुपए बकाया टैक्स

सिवनी. जिले में चोरी के वाहनों को कबाड़ में बेचने। वाहन व चेचिस नंबर बदलकर चलाने। बिना नाम स्थानांतरण कराए फायनेंस कंपनी द्वारा वाहन जब्त कर दूसरे को बेचने सहित कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इससे शासन को करोड़ों रुपए टैक्स के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। अब सवाल है कि इन वाहनों से शासन को मिलने वाला टैक्स कौन भरेगा? खास है कि लंबे समय से चल रहे इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से एआरटीओ की कार्यशैली घिरती जा रही है।

बिना नाम स्थानांतरण कराए वाहन बेचने के मामले में ‘पत्रिकाÓ में प्रकाशित खबर और पीडि़त की शिकायत के बाद वर्ष 2019 में कलेक्टर द्वारा जांच अधिकारी नियुक्त किए जाने के बाद एआरटीओ ने इस मामले को संज्ञान लिया, लेकिन अभी तक वह शासन का टैक्स जमा नहीं करा पाए हैं। बिना नाम स्थानांतरण कराए बेचने के मामले में धारा-420 की कार्रवाई भी एआरटीओ दर्ज नहीं करा पाए हैं।
नतीजा इस तरह के अपराध जिले में बढ़ते ही जा रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि धारनाकला निवासी अशरफ के वाहन क्रमांक सीजी 08 बी 0611 को जब्त कर बेचने के मामले में सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत में एल-४ अधिकारी ने 23 मार्च 2019 को जवाब में उक्त वाहन पर एक लाख 55 हजार 896 रुपए और 20 जनवरी 2019 को एक लाख 33 हजार 56 रुपए टैक्स बकाया बताया गया है। अब इसमें कौन टैक्स राशि सही है। यह तो एआरटीओ ही बता पाएंगे, लेकिन यह कौन भरेगा। बड़ा सवाल है।

इसके अलवा पुलिस के बयान पर गौर करें तो फायनेंस कंपनी ने कहा है कि वाहन हितग्राही ने सुपुर्द किया है। सीएम हेल्पलाइन के जवाब में एआरटीओ के हवाले से कंपनी ने कहा है कि वाहन को सीज किया गया है। अब इसमें क्या सच्चाई है। यह एआरटीओ ही जानते हैं। एआरटीओ देवेश बाथम का कहना है कि दो बार फायनेंस कंपनी को नोटिस जारी किया गया। संतोषजनक जवाब नहीं मिला। फायनेंस कंपनी के प्रतिनिधि को कार्यालय में बुलाया गया। कार्यालय में आए प्रतिनिधि से बात हुई। टैक्स जमा कराए जाने की बात कही है। टैक्स कब तक जमा होगा। इसका जवाब वे नहीं दे पाए।
बिना नाम स्थानांतरण कराए वाहन को दो लोगों को बेचने के मामले में क्या कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में एआरटीओ प्रक्रिया चलने की बात ही कह पाए हैं। खास है कि यह मामला वर्ष 2016 से लंबित है। वर्ष 2019 में सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत में एल-4 अधिकारी के स्तर से दिए गए एक जवाब में एआरटीओ के हवाले से कहा गया है कि वाहन का टैक्स फायनेंस कंपनी ने बेचने वाले से जमा कराने की बात कही है। इसके बावजूद अब तक टैक्स जमा नहीं हो पाया है। अब शासन के टैक्स जमा कराने में एआरटीओ क्यों लापरवाही कर रहे हैं। वे तो वहीं बता पाएंगे।
सीएम हेल्पलाइन में एल-४ अधिकारी का जवाब
20 जनवरी 2019 को सीएम हेल्पलाइन नंबर 6406523 के जवाब में एल-4 अधिकारी ने कहा कि जिला परिवहन अधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन क्रं. 6502 जिपअ/18 दिनांक 26.12.18 अनुसार शिकायतकर्ता का वाहन क्रं. सीजी 08 बी 0611 कार्यालय में श्रीराम फायनेंस से वित्तपोषित थी। शिकायतकर्ता द्वारा कलेक्टर सिवनी को जनसुनवाई में फायनेंस कंपनी द्वारा गलत तरीके से उक्त वाहन सीज किए जाने की शिकायत की गई।
कलेक्टर ने एआरटीओ को जांच अधिकारी नियुक्त किया। एआरटीओ ने जांच प्रतिवेदन में कहा कि वाहन श्रीराम फायनेंस से वित्तीय सहायता प्राप्त है। कम्पनी की ओर से सिसोदिया ने बताया कि समय पर किस्त जमा नहीं करने के कारण वाहन 13.08.2016 को आवेदक से सीज किया गया। 19.12.2016 को विधिवत नीलाम कर दिया गया। वाहन बालाघाट में पंजीकृत होने के कारण आवश्यक कार्रवाई के लिए जांच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि एवं पत्र क्रं. 233 दिनांक 11.05.2018 आरटीओ बालाघाट को दी गई, जिसके तारतम्य में प्रबंधक श्रीराम फायनेंस को नोटिस क्रं. 0.2743 दिनांक 23.05.2018 को भेजा गया। बकाया कर एक लाख ३३ हजार ५६ रुपए जमा कराए जाने के लिए कहा गया। इसके जवाब में फायनेंस कंपनी ने 04.06.2018 को वाहन सीज संबंधी कार्रवाई के दस्तावेजों की छाया प्रति प्रस्तुत करते हुए। टैक्स जमा करने की जवाबदारी नीलामी में वाहन क्रय करने वाले छिंदवाड़ा निवासी राजेश साहू का होना बताया।
इस संबंध में दिनांक 05.06.2018 को पत्र क्रमांक 3019 जारी कर वाहन का कर जमा किए जाने के लिए नोटिस जारी किया गया। समय पर जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर पुन: पत्र क्रमांक 3510 दिनांक 03.07.2018 को जारी किया गया। यान स्वामी द्वारा मांग सूचना क्रमांक 3608, 4232, 5275 दिनांक 07.07.2018 20.08.2018 एवं 16.10.2018 को भेजा गया। वाहन स्वामी एवं फायनेंस कंपनी कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। इससे शिकायत का निराकरण संभव नहीं है।

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