scriptयहां है 100 से ज्यादा बाघों का ठिकाना, देशभर में बढ़ा रहे कुनबा, सात और बाघों के शिफ्टिंग की तैयारी | 100 above tigers in Bandhavgarh tiger reserve national park | Patrika News

यहां है 100 से ज्यादा बाघों का ठिकाना, देशभर में बढ़ा रहे कुनबा, सात और बाघों के शिफ्टिंग की तैयारी

locationशाहडोलPublished: Aug 30, 2019 12:09:08 pm

Submitted by:

shubham singh

प्रदेश के टाइगर रिजर्वो में दहाड़ रहे बांधवगढ़ के बाघ

tiger fight goes viral in bandhavgarh tiger reserve

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उमरिया. बाघ दर्शन के लिए दुनिया भर मे मशहूर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व की प्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका रही है। टाईगर स्टीमेशन 2018 के द्वारा जारी किए गए प्रदेश भर में बाघों की मौजूदगी के आंकड़ो में बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में अप्रत्याशित रूप में बाघों की वंश वृद्धि हुई है और टाईगर रिजर्व के जंगलो में 110 बाघों की मौजूदगी बताई जा रही है। खास बात यह है कि बीते आठ वर्षो में बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से प्रदेश के बाघ विहीन जंगलो में बाघ पुर्नस्थापना परियोजना के तहत 14 बाघ अलग अलग टाईगर रिजर्वो एवं अभ्यारण्यों में भेजे गए हैं जो प्रदेश भर मे बाघो की संख्या बढ़ाने में कारगर साबित हुए है। हालांकि बीते दस वर्षो के दौरान बांधवगढ़ में वर्चस्व की लड़ाई, करंट से शिकार एवं प्राकृतिक रूप से 46 बाघो की मौत हुई है । किसी भी समय काल में बाघो की मौत का यह सर्वाधिक आंकड़ा है।
यहां भेजे गए बाघ
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के सीमित क्षेत्र बाघो की संख्या दुनिया भर में सबसे ज्यादा है। इसलिए औसत घनत्व में बाघों की सबसे ज्यादा मौजूदगी का रिकार्ड बांधवगढ टाईगर रिजर्व के पास सुरक्षित है। बाघ पुर्नस्थापना परियोजना के तहत बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से पन्ना टाइगर रिजर्व में एक, संजय टाइगर रिजर्व में एक, सतपुडा टाइगर रिजर्व में तीन, नौरादेही अभ्यारण में एक, वन विहार भोपाल में चार बाघों को पुनस्र्थापित कर बाघों की संख्या बढाने का कार्य किया गया है। इसके अलावा बांधवगढ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जून 2018 में एक बाघिन प्रदेश के बाहर उड़ीसा राज्य के सतकोसिया अभ्यारण भेजी गई थी।
मैन एनिमल कान्फलिक्ट रोकना बड़ी चुनौती
बाँधवंगढ टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1536 वर्ग किमी है जिसमे बाघों के लिए सघन कोर जंगल महज 694 वर्ग किमी है। जिसमे बांकी का हिस्सा बफर जोन का है जहां सैकडों गांव आबाद है। जिसके चलते वन्य जीव और मानव द्वंद एक बडी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आया है। दूसरी ओर बाघों के बीच बढती वर्चस्व की लडाई ने बाघों की असामयिक मौत में भी इजाफा किया है। टाइगर रिजर्व में बीते दस सालों में 46 बाघों की मौत हुई है। जिसमे टैरोटिरि फाइट में बाघों की मौत सबसे ज्यादा हुई है। वन्य जीव विशेषज्ञ बाँधवंगढ में बाघों की असामयिक मौत को चिंता का विषय बता रहे हैं और इसे रोकने के लिए सूक्ष्म अध्ययन की मांग के साथ बाघ सरंक्षण को पर्यटन से अलग करने की भी मांग की जा रही है ताकि बाघ सरंक्षण में जुटे अधिकारी कर्मचारी एकाग्रता से कार्य कर सकें।
सात बाघ और भेजने की तैयारी
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में आपसी लड़ाई से बाघिन की मौत होने से अनाथ हुए शावको सहित कुल सात बाघों को बाड़े में रखा गया है। पार्क प्रबंधन की माने तो वरिष्ठ अधिकारियो के दिशा निर्देश पर इन बाघों को प्रदेश के बाघ विहीन इलाको मे पुर्नस्थापित किया जाएगा। जिससे प्रदेश में बाघो की संख्या में और इजाफा किया जा सके।

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