यहां भेजे गए बाघ
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के सीमित क्षेत्र बाघो की संख्या दुनिया भर में सबसे ज्यादा है। इसलिए औसत घनत्व में बाघों की सबसे ज्यादा मौजूदगी का रिकार्ड बांधवगढ टाईगर रिजर्व के पास सुरक्षित है। बाघ पुर्नस्थापना परियोजना के तहत बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से पन्ना टाइगर रिजर्व में एक, संजय टाइगर रिजर्व में एक, सतपुडा टाइगर रिजर्व में तीन, नौरादेही अभ्यारण में एक, वन विहार भोपाल में चार बाघों को पुनस्र्थापित कर बाघों की संख्या बढाने का कार्य किया गया है। इसके अलावा बांधवगढ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जून 2018 में एक बाघिन प्रदेश के बाहर उड़ीसा राज्य के सतकोसिया अभ्यारण भेजी गई थी।
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के सीमित क्षेत्र बाघो की संख्या दुनिया भर में सबसे ज्यादा है। इसलिए औसत घनत्व में बाघों की सबसे ज्यादा मौजूदगी का रिकार्ड बांधवगढ टाईगर रिजर्व के पास सुरक्षित है। बाघ पुर्नस्थापना परियोजना के तहत बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से पन्ना टाइगर रिजर्व में एक, संजय टाइगर रिजर्व में एक, सतपुडा टाइगर रिजर्व में तीन, नौरादेही अभ्यारण में एक, वन विहार भोपाल में चार बाघों को पुनस्र्थापित कर बाघों की संख्या बढाने का कार्य किया गया है। इसके अलावा बांधवगढ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जून 2018 में एक बाघिन प्रदेश के बाहर उड़ीसा राज्य के सतकोसिया अभ्यारण भेजी गई थी।
मैन एनिमल कान्फलिक्ट रोकना बड़ी चुनौती
बाँधवंगढ टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1536 वर्ग किमी है जिसमे बाघों के लिए सघन कोर जंगल महज 694 वर्ग किमी है। जिसमे बांकी का हिस्सा बफर जोन का है जहां सैकडों गांव आबाद है। जिसके चलते वन्य जीव और मानव द्वंद एक बडी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आया है। दूसरी ओर बाघों के बीच बढती वर्चस्व की लडाई ने बाघों की असामयिक मौत में भी इजाफा किया है। टाइगर रिजर्व में बीते दस सालों में 46 बाघों की मौत हुई है। जिसमे टैरोटिरि फाइट में बाघों की मौत सबसे ज्यादा हुई है। वन्य जीव विशेषज्ञ बाँधवंगढ में बाघों की असामयिक मौत को चिंता का विषय बता रहे हैं और इसे रोकने के लिए सूक्ष्म अध्ययन की मांग के साथ बाघ सरंक्षण को पर्यटन से अलग करने की भी मांग की जा रही है ताकि बाघ सरंक्षण में जुटे अधिकारी कर्मचारी एकाग्रता से कार्य कर सकें।
बाँधवंगढ टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1536 वर्ग किमी है जिसमे बाघों के लिए सघन कोर जंगल महज 694 वर्ग किमी है। जिसमे बांकी का हिस्सा बफर जोन का है जहां सैकडों गांव आबाद है। जिसके चलते वन्य जीव और मानव द्वंद एक बडी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आया है। दूसरी ओर बाघों के बीच बढती वर्चस्व की लडाई ने बाघों की असामयिक मौत में भी इजाफा किया है। टाइगर रिजर्व में बीते दस सालों में 46 बाघों की मौत हुई है। जिसमे टैरोटिरि फाइट में बाघों की मौत सबसे ज्यादा हुई है। वन्य जीव विशेषज्ञ बाँधवंगढ में बाघों की असामयिक मौत को चिंता का विषय बता रहे हैं और इसे रोकने के लिए सूक्ष्म अध्ययन की मांग के साथ बाघ सरंक्षण को पर्यटन से अलग करने की भी मांग की जा रही है ताकि बाघ सरंक्षण में जुटे अधिकारी कर्मचारी एकाग्रता से कार्य कर सकें।
सात बाघ और भेजने की तैयारी
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में आपसी लड़ाई से बाघिन की मौत होने से अनाथ हुए शावको सहित कुल सात बाघों को बाड़े में रखा गया है। पार्क प्रबंधन की माने तो वरिष्ठ अधिकारियो के दिशा निर्देश पर इन बाघों को प्रदेश के बाघ विहीन इलाको मे पुर्नस्थापित किया जाएगा। जिससे प्रदेश में बाघो की संख्या में और इजाफा किया जा सके।
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में आपसी लड़ाई से बाघिन की मौत होने से अनाथ हुए शावको सहित कुल सात बाघों को बाड़े में रखा गया है। पार्क प्रबंधन की माने तो वरिष्ठ अधिकारियो के दिशा निर्देश पर इन बाघों को प्रदेश के बाघ विहीन इलाको मे पुर्नस्थापित किया जाएगा। जिससे प्रदेश में बाघो की संख्या में और इजाफा किया जा सके।