पहले सफाई कर्मी फिर डीन का वैक्सीनेशन
मेडिकल कॉलेज में सुबह से वैक्सीनेशन की तैयारी प्रारंभ हो गई थी। सुबह लगभग 11.51 बजे मेडिकल कॉलेज में कार्यरत सफाई कर्मी राजेन्द्र सिंह को वैक्सीनेटर गायत्री साकेत ने पहला टीका लगाया। इसके बाद 11.57 बजे मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ मिलिन्द शिरालकर ने टीका लगवाया। इसके साथ ही टीकाकरण का क्रम जारी हो गया।
बनाई गई थी टीम, तैनात रहा स्टाफ
वैक्सीनेशन को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने पहले से पूरी तैयारी कर रखी थी। वैक्सीनेशन की समुचित व्यवस्था के लिए डॉ आकाश रंजन, डॉ प्रगति चौहान को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। टीका लगने के बाद संबंधित स्वास्थ्य कर्मी को किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर एईएफआई सेंटर बनाया गया था। जहां किट के साथ ही अन्य समुचित व्यवस्थाएं की गई थी। वहीं संबंधित स्वास्थ्य कर्मी की देखरेख व समुचित इलाज के लिए डॉ रुपेश गुप्ता की ड्यूटी लगाई गई थी। इसके साथ ही डीन मेडिकल कॉलेज डॉ मिलिन्द शिरालकर मौके पर मौजूद रहकर सभी व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे।
टीका लगते ही चेहरे में आई मुस्कान
मेडिकल कॉलेज में सफाई कर्मी राजेन्द्र सिंह और जिला चिकित्सालय में ईसीजी टेक्टनीशन भृगु नारायण उपाध्याय को कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगाया। टीका लगने के साथ ही दोनो के चेहरे में मुस्कान आ गई। राजेन्द्र सिंह और भृगु नारायण ने कहा कि यह हमारे लिए बेहद खुशी की बात है कि कोरोना वैक्सीन का पहला टीका हमे लगा। पूरे कोरोना कॉल में हमने गाइड लाइन का पालन करते हुए अपना कार्य किया। जिसका ही सुखद परिणाम है कि कोरोना वैक्सीनेशन पर पहला अवसर हमे मिला है।
बरती गई यह सावधानियां
कोरोना वैक्सीन लगाने के पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी गाइड लाइन का विधिवत पालन किया गया। सबसे पहले वैक्सीन लगवाले वालों का आधार कार्ड से सत्यापन किया गया। इसके बाद वैक्सीनेशन के पहले स्टाफ ने स्वयं हाथ धुला वहीं जिनका वैक्सीनेशन होना था उनका भी हाथ धुलवाया गया। वैक्सीनेशन के पहले नाश्ता किया कि नहीं, कोई बीमारी तो नहीं है, किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन तो नहीं है, कोई दवा तो नहीं चल रही है। ऐसी कई जानकारी संबंधित स्वास्थ्य कर्मी से जुटाई गई। इसके बाद टीका लगाया गया। टीका लगने के बाद उन्हे एक प्रमाणपत्र भी दिया गया।
एक वैक्सीन में 10 डोज
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उपलब्ध कराई गई वैक्सीन में एक वैक्सीन से 10 लोगों का टीकाकरण होना है। यह टीकाकरण 4 घंटे के अंदर होना अनिवार्य है। 4 घंटे के अंदर यदि टीकाकरण नहीं होता तो उसके बाद वह वैक्सीन बेकार हो जाएगी।
वक्सीनेशन के बाद निगरानी
टीका लगाने के बाद स्वास्थ्य कर्मी को अवलोकन कक्ष में भेजा गया। वहां पर पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीन की जांच की गई। इसके बाद उन्हें आधा घंटा आराम करने के लिए कहा गया। इस दौरान अगर कोई दिक्कत आती है तो उसके लिए डॉक्टर मौजूद थे। आधा घंटे बाद उनकी बीपी चेक किया गया तथा फिर से ऑक्सीन चेक किया गया। इसके बाद उन्हें जाने के लिए कहा गया। घर पर कोई दिक्कत हो तो संपर्क करने के लिए कहा गया।
सफाई कर्मी ने टेक्नीशियन को दिया अवसर
भृगु नारायण से पहले सफाई कर्मी ओम प्रकाश चौहक को कोरोना का पहला टीका लगाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन सफाई कर्मी ने कहा कि चूंकि लिस्ट में पहला नाम टेक्नीशियन का है इसलिए पहले उन्हें ही टीका लगाया जाना चाहिए। इस पर पहले टेक्नीशियन को टीका लगाया गया। इसके बाद दूसरा टीका ओम प्रकाश चौहक को लगाया गया।
कई लोगों को नहीं मिला मैसेज
इस दौरान यह भी सामने आया कि मोबाइल नंबर गलत अंकित होने की वजह से कई लोगों को कोरोना टीका लगाने के लिए मैसेज नहीं गया था। इस पर उन्हें फोन कर बुलाया गया। स्वच्छता अभियान सुपरवाइजर सतेन्द्र पांडे को कोरोना का तीसरा टीका लगाया गया लेकिन उनके पास टीका लगाने के लिए मैसेज नहीं गया था। उन्होंने बताया कि मोबाइल नंबर गलत होने की वजह से मैसेज नहीं आया था। इस पर आरएमओ पुनीत श्रीवास्तव ने फोन कर बताया कि आपको टीका लगना है। इस पर टीका लगाने आया। चौथे नंबर पर शैलेन्द्र कुमार मिश्रा को कोरोना का टीका लगाया गया। वे जिला अस्पताल में सुरक्षा गार्ड हैं। पांचवा टीका राजकुमार चौथेल को लगाया गया। उनके पास भी मोबाइल नंबर गलत होने की वजह से मैसेज नहीं आया था। इस पर उन्हें भी आरएमओ ने फोन कर बताया कि आपको कोरोना का टीका लगना है।