शाहडोल

फसल नुकसान: 28 से 33 रुपए मिली बीमा राशि, किसान बोले- इतना तो गांव से आने में हो गया खर्च

1349 किसानों को मिला है बीमा राशि, कम राशि होने से अन्नदाता नहीं आ रहे दफ्तर

शाहडोलOct 21, 2020 / 12:03 pm

amaresh singh

फसल नुकसान: 28 से 33 रुपए मिली बीमा राशि, किसान बोले- इतना तो गांव से आने में हो गया खर्च

शहडोल. फसल नुकसान के बाद आर्थिक संकट झेल रहे अन्नदाताओं का दर्द बीमा राशि ने और बढ़ा दी है। किसानों का फसल नुकसान के बाद बेहद कम बीमा राशि मिली है। किसानों का कहना है कि फसल नुकसान के बाद प्रीमियम का भी दस प्रतिशत नहीं मिला है। किसान अपनी फसलों का बीमा कराते हैं कि जब फसल खराब होगी तो उसका सर्वे करने के बाद बीमा कंपनी उचित मुआवजा देगी लेकिन शहडोल में जमीनी हालत एकदम से इसके उलट है। किसान अपनी फसलों का जितना प्रीमियम बीमा कंपनी में जमा कराते हैं, उतना भी किसानों को फसल खराब होने पर बीमा राशि नहीं मिल पाती है। साल 2019 की खरीफ फसल सोयाबीन और धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा था। इस पर सरकार ने फसलों का सर्वे कराकर किसानों को बीमा राशि देने की बात कही थी। इसके बाद फसलों का सर्वे हुआ और किसानों को साल 2020 में बीमा राशि दी जाने लगी है, लेकिन बीमा की राशि इतनी कम है कि किसान उसको लेने बैंक भी नहीं जा रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि किसानों को 28 रुपए तक फसल नुकसान का बीमा राशि मिली है। प्रीमियम में कंपनी ने लिए 26 करोड़ 63 लाख, किसानों को दिए सिर्फ एक करोड़
जिला सहकारी बैंक में 7 हजार 333 ऋणी किसानों और 1807 अऋणी किसानों ने खरीफ फसल 2019 का फसल बीमा कराया था। इसके लिए बीमा कंपनियों ने किसानों से प्रीमियम राशि के रूप में 26 करोड़ 63 लाख 36 हजार रुपए लिए थे। इसके बाद जब सोयाबीन और धान की फसल खराब हुई तो इसमें से 1349 किसानों को 1 करोड़ 2 लाख रुपए बीमा की राशि मिली। इसमें से सैकड़ों की संख्या में किसानों का सही से फसल नुकसान का सर्वे नहीं होने से बीमा की राशि नहीं मिली।

केस एक
किसान को 28 रुपए फसल नुकसान की मिली बीमा राशि
बनसुकली के लखपति यादव ने साल 2019 में खरीफ फसल धान के लिए बीमा कराया था। इसके लिए उन्हें एक हेक्टेयर पर प्रीमियम राशि के रूप में 448 रुपए जिला सहकारी बैंक में जमा करवाया। इसके बाद जब उनकी धान की फसल को नुकसान हुआ तो इसके लिए सर्वे कराया गया। सर्वे के बाद उनको बीमा कंपनी से फसल नुकसान का बीमा मुआवजा के रूप में मात्र 28 रुपए मिला है। ऐसे में लखपति यादव ने कहा कि इतना पैसा तो बीमा की राशि लेकर आने में किराये में खर्च हो जाएगा। इससे अच्छा होता बीमा की राशि नहीं मिलती।

केस दो
कई बार लगाए चक्कर, किसान को मिला सिर्फ 33 रुपए
खैरहा के विजेन्द्र पटेल ने साल 2019 में खरीफ फसल सोयाबीन के लिए जिला सहकारी बैंक में फसल बीमा कराया था। इसके लिए एक हेक्टेयर के हिसाब से उन्होंने 560 रुपए बीमा की प्रीमियम जमा किया था। इसके बाद सोयाबीन की फसल खराब होने के बाद उनको बीमा कंपनी से मुआवजा के रुप में 33 रुपए मिला है। इस पर विजेन्द्र पटेल ने कहा कि हमने जितना फसल के लिए प्रीमियम जमा किया था, उतना भी फसल का मुआवजा बीमा कंपनी से नहीं मिला। ऐसे में फसल बीमा कराने का क्या फायदा है।

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